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________________ ©®©®©®©®©®©®©®©®©®©®©®©®©®©®©®©®©®©®©®©®©®©®©®©®©®©®©®©®©®©®©® 41. विचार के आधार पर मुश्किल से 1% कर्मबंध होते हैं। भावात्मक व्यक्तित्व के आधार पर 99% कर्मबंध होते हैं । (रुचि) । 42. जैन दर्शन में मात्र प्रवृत्ति और विचार को बहुत कम महत्व दिया गया है। 43. कसाई यदि सोया है (नींद निकाल रहा है) तो इससे वो अहिंसक नहीं हो जाता। 44. टी.वी. वह Idiot Box है जिस जीवन ने बिना लेन-देन के पाप की रुचि, तीव्र आवेश द्वारा घोर पाप बंधाती है । टी.वी. देखते समय कई जीवों को असंख्य भवों की तिर्यंचगति निरंतर बंध जाती है। 45. पाप को पाप न मानना, अर्थात् पाप बंध में गुणाकार करना। जैन धर्म के कर्मवाद के रहस्य जैन धर्म के कर्मवाद की विशेषताएँ रहस्यमय स्वरुप बनाती है । परन्तु सर्वज्ञ द्वारा कहा हुआ होने से अनुभवगम्य फल श्रुति आदि का विवेचन, एक सम्यग् मार्ग पर जाने की प्रेरणा मिलती है। कर्म पुद्गल - (Maretial body) है, यह विचारधारा जैन धर्म के अतिरिक्त अन्य कहीं भी देखने को नहीं मिलती । कर्म क्या है ? कर्म का उदय किस कारण से होता है ? कर्म के आठ करण क्या-क्या हैं ? कर्मों के आठ प्रकार और उसके बंध के हेतु क्या है ? केवली भगवंत को थकान क्यों नहीं ? गति का बंध निरंतर होता है, परन्तु आयुष जीव एक ही बार बांधता है, तो क्या कर्म बंध में गति की प्रधानता है ? प्रश्न ही प्रश्न है और उत्तर है - कर्म का Team Work तथा कर्म का संचालन एक अद्भुत प्रकार से हुआ करता है। उसका गहराई से ज्ञान, कर्मवाद के रहस्यों के विषय को अच्छी तरह रसाभाव के साथ सुन्दर ढंग से संजोया है । जड़ कर्म की अपूर्व शक्ति को आघात करने वाला चेतन द्रव्य आत्मा की अनंत शक्ति है । जीव रत्नत्रयी के आधार पर 14 राजलोक के उच्चतम शिखर पर मोक्ष को प्राप्त करता है । कर सकता है। यह विचार जैन धर्म के कर्मवाद के रहस्यों में क्या क्या भरा है वह जानने के लिए स्वाध्याय प्रेमी को जीव को उत्सुकता होती है । यह आत्मीय आनंद की अनुभूति मय स्वाध्याय का रसास्वादन करने के लिए सभी को आमंत्रण है । रहस्यों को खोलो कुछ तो मिलेगा ही। 909090900909090905090909090255509090909090905090900909090
SR No.007276
Book TitleShrut Bhini Ankho Me Bijli Chamke
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijay Doshi
PublisherVijay Doshi
Publication Year2017
Total Pages487
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size38 MB
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