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तप
(राग - मालकौंस) (राग - मने महावीरना गुण गावा दे ...)
अनशन उणोदरी, वृत्ति संक्षेप,
रसत्याग, संलीनता, कायक्लेश । षट्बाह्य तप नो महिमा विशेष,
छे करावे आंतर-तप मां प्रवेश .... षट् बाह्य.....
प्रायश्चित, विनय ने वैयावच्च,
स्वाध्याय, ध्यान ने कायोत्सर्ग । षट् आंतर तप नो महिमा विशेष,
छोडावे अंतमा राग ने द्वेष ....
षट् आंतर ....
जे जाणे तपनां बार आ भेद,
ते माणे निर्जरा, कर्म नो छेद । जाए जीवनो, भवो भवनो भेद,
द्वादश तपनो छे, महिमा विशेष .... द्वादशः ....
'श्रद्धांध' 24 अगस्त 2008
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