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________________ २७०७090909009009009090050७०७09090090909050७०७090७०७७०७०७ पाँच समवाय पांच समवाय :- एक आत्मा मोक्ष गई तो ही अपनी आत्मा बाहर निकली, उसमें नियति, भवितव्यता मुख्य कारण है। शेष 4 कारण गौण हैं। * स्वभाव, काल, कर्म और पुरुषार्थ (उद्यम) । विश्व में कोई भी कार्य, कारण के बिना होता ही नहीं है। * बालक 9 महीने में ही क्यों जन्म लेता है ? आम गर्मी में ही क्यों आता है ? विकार युवावस्था में ही क्यों उत्पन्न होते हैं, बाल्य अवस्था में क्यों नहीं ? इसका मुख्य कारण काल (समय)। ___ * कांटे तीक्ष्ण क्यों होते हैं ? अग्नि गरम क्यों ? बर्फ ठण्डा क्यों ? दही दध से ही क्यों होता है ? पानी से क्यों नहीं होता? कङ् मंग क्यों नहीं सीजते हैं ? तो कहेंगे इसका मुख्य कारण स्वभाव। * एक समझदार दूसरा मूर्ख क्यों ? एक श्रीमंत दूसरा गरीब क्यों ? ये सब विचित्रताएँ क्यों हैं ? इसका मुख्य कारण कर्म या पुरुषार्थ। जिस जीव ने मोक्ष जाकर अपने ऊपर उपकार किया तो अपने को उसके बदले कुछ नहीं करना? ऐसा नहीं। अपने को भी जो अव्यवहार राशि के निगोद के जीव हैं उनको बाहर लाने के लिए मोक्ष में जाना ही चाहिए। पांच समवाय - दुनिया में कोई भी कार्य हो उसमें मुख्य, गौण रूप में 5 कारण काम करते हैं - 1.नियति, 2. स्वभाव, 3. काल, 4. कर्म, 5. पुरुषार्थ (उद्यम) * उदार, संतोष और प्रसन्नचित बनना है तो जीवन का केन्द्र बिन्दु भगवान को रखना होगा। * आत्मा को अव्यवहार राशि में से बाहर निकालने में मुख्य कारण नियति है । आत्मा भव्य है या अभव्य, इसमें मुख्य कारण स्वभाव है। * अचरम आवर्तकाल में से भव्य आत्माओं को चरमावर्त काल में प्रवेश कराने में मुख्य कारण काल है । जब आत्मा का काल (समय) परिपक्व हो जाता है तब भव्य आत्माओं का चरमावर्त काल में प्रवेश हो जाता है। GOOGOGOGOGOGOGOGOGOGOOGO90 213 90GOGOGOGOGOGOGOGOGOGOGOGOGe
SR No.007276
Book TitleShrut Bhini Ankho Me Bijli Chamke
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijay Doshi
PublisherVijay Doshi
Publication Year2017
Total Pages487
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size38 MB
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