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________________ ©®©®©®©®©®©®©®©®©®©®©®©®©®©®©®©®©®©®©®©®©®©®©®©®©®©®©®©®©®©®OG * अंतरकाल कितना ? (मोक्ष जाने वाले जीवों के बीच) जघन्य - 1 समय उत्कृष्ट - 6 माह * अनंतर काल (सतत्, Inaraw) कितना ? ज. - 2 समय निरन्तर 2 सिद्ध होते ही हैं उ.-8 समय निरन्तर 8 समय तक सिद्ध होते हैं, मोक्ष जाते हैं। 1.समय में उ. 108 मुनि मोक्ष जाते हैं 10 नपुंसक मोक्ष जाते हैं 20 तीर्थंकर मोक्षजाते हैं * रस भरा विवरण :तीसरे आरे के अंतर में 7 कुलकर होते हैं। 3 हक्कार नीतिवाले 1 मक्कार नीति वाला, 3 धिक्कार नीति वाले पहला, दूसरा, तीसरा और छठे आरे में अग्नि नहीं होती है । चक्रवर्ती होते हैं तब बलदेव, वासुदेव, प्रति वासुदेव नहीं होते हैं । चक्रवर्ती के 14 रत्नों में 7 एकेन्द्रिय + 7 पंचेन्द्रिय रत्न होते हैं। ७05050505050505050505050505020550509050505050505050090050
SR No.007276
Book TitleShrut Bhini Ankho Me Bijli Chamke
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijay Doshi
PublisherVijay Doshi
Publication Year2017
Total Pages487
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size38 MB
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