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द्रव्य मन जड़ है
* मन है वो ही चित्त
मन पर्याप्ति : दिमाग जड़ है दिमाग वह जड़ है, उसमें रही हुई Nervous System (चेतन तंत्र )
यह भी जड़ है, जैविक रसायन प्रवाही सभी जड़ है * दिमाग का नियंत्रण चेतना (आत्मा) द्वारा ही होता है
शुद्ध भाव ये ज्ञान चेतना है
उपयोगमन
चैतन्यमय है * स्वार्थवृत्ति
* कामवासना
* इस भव की, गत भव की असंख्य वृत्तियाँ * संस्कार सभी चेतना
स्वरुप हैं ।
आत्मा का मूल स्वरुप है ।
* दिमाग ये मन: पर्याप्ति है, मन नहीं ।
* अशुद्ध चेतना,
मोहात्मक चेतना, विकृत
भाव मन चैतन्यमय है
लब्धिमन जड़ है
यहां चेतना नहीं
Storage of all feelings मन का गोडाउन है उपयोग मन से करोड़ गुना विशाल है ।
चेतना ये भावमन ।
* शुद्ध चेतना - ज्ञान चेतना
ये आत्मा है ।
* भाव
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मन: मन की सक्रियता (Activeness) 24 घंटे चालू ही रहती है । मन के दो प्रकार
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अशुद्ध भाव शुभ भाव - अशुभ भाव
1. द्रव्य मन :- दिमाग से अत्यन्त सूक्ष्म मनोवर्गणा पुद्गल से बनी हुई । 2. भावमन :- उपयोग मन और लब्धि मन ।