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जो होता है अच्छे के लिए
प्रतिकूल घटना में प्रकृति का संकेत
भोजन का निमंत्रण नहीं दिया
-संपत्ति मिली, अच्छा हुआ
शरीर निरोगी, अच्छा हुआ शरीर में रोग उत्पन्न हुआ, अच्छा हुआ भूमि पर सोना पड़ा, अच्छा हुआ सुख-स विपत्तियों ने घेरा, अच्छा हुआ आँखों में तेज अच्छा है, अच्छा हुआ आँखें चली गई, अच्छा हुआ नौकर काम करने आ गया, अच्छा हुआ नौकर काम करने नहीं आया, अच्छा हुआ पैसा बहुत कमाया, अच्छा हुआ
पैसा खो दिया, अच्छा हुआ
Socretis की पत्नी क्लेशकारी मिली थी, क्षमा से स्वयं महान हो गया । * एक नवयुवक लग्न पूर्व दुविधा में था, चिंता मत करो, अनुकूलता मिलेगी जीवन में तकलीफ नहीं आएगी। क्लेशकारी मिलेगी तो संसार को दूसरा सोक्रेटीस मिल जाएगा। * जीवन में दो उद्देश्य हों तो ? गुण प्राप्ति और दोष निवारण । इन उद्देश्य के बिना धर्म अधर्म बन जाता है ।
समारोह में Food Poison...?? आराधना होगी ।
कर्म क्षय करूंगा .....
गिरने का भय नहीं ।
पुण्य अनुकूल हैं, धर्म होगा ।
धर्म याद आएगा ।
प्रभु दर्शन, जीव रक्षा, शास्त्र वांचन होगा। अंदर देख सकूंगा ।
आराधना समय अधिक मिलेगा । एक्सरसाईज होगी ।
दान दूंगा, सुकृत करूंगा।
पाप कम होगा।
* अनुकूलता के दास न बनो, प्रतिकूलता से उदास न बनो । यही साधक के लक्षण हैं । यह विचारधारा प्रतिकूलता को अनुकूलता में बदल देती है ।
* आत्मा की बातें हमने बहुत की, अब आत्मा के साथ बातें करो । इसीलिए सामायिक करने का विधान है, यह आत्मा के पास हमको ले जाती है ।
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