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________________ शुशव उवाय ऊयिव ऊयिम | ऊये ऊयिवहे ऊयिमहे उवय ऊविव ऊविम ऊविवहे ऊविमहे उवयिथ ऊयथः ऊय ऊयिषे ऊयाथे ऊयिध्वे-ढवे ऊवथुः ऊव ऊविषे ऊवाथे ऊविध्वे-ढ्वे उवाय ऊयतुः ऊयुः ऊये ऊयाते ऊयिरे ऊवतुः ऊवाते ऊविरे 26. अर्द्ध - 1/P आनर्द आनर्दिव आनर्दिम आनर्दिथ आनर्दथुः आनर्द आनद आनर्दतुः आन१ः 27.श्वि - 1/P शिश्वाय, शिश्वियिव शिश्वियिम। शशाव, शुशुविव शुशुविम शिश्वय शिश्वयिथ शिश्वियथः शिश्विय | शुशविथ शुशुवथुः शुशुव शिश्वाय शिश्वियतुः शिश्वियुः। शुशाव शुशुवतुः शुशुवुः = धातुओ) > ०-१-५२५६:- अर्द = पीsj [To Hurt] प्र + भू = समर्थ डोg, थj > ग-१-मात्मनेप: [To Be Capable] | उद् + भास् = अशq [To Shine] शप् = श्राप आपको [+ १-४] | अव+स्था = २३j [To Stay] [To Curse] | == शही » पुल्लिंग: उत्साह = उभंग [Zeal] सुरेश्वर = ईन्द्र [King Of Heaven] सनत्कुमार = सनत्कुमार गर्भ = गर्भ[Womb] उपकारिन् = 64री [Obliging ] ईश = समर्थ [Adequate] [शशिन् प्रमाणे ३५] क्षम = समर्थ [Capable] योगिन् = योगी [Ascetic] . विरल = पडु मो. [Rare] वादिन् = वह [Disputant] " कुञ्जर = 8थी [Elephant] जरासंघ = ४२रासंघ मन्दर = भे२.५ » नपुंसलिंग:शय्यंभवसरि = शय्यमवसर सम्यग्ज्ञान = सभ्यशान मनक = मनमुनि [True Knowledge ] 8.8 सरस संस्कृतम्-२ १.१.४ पट3.3.3.3.3.3.3.3 416-२3.8.४
SR No.007261
Book TitleSaral Sanskritam Dwitiya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhaktiyashvijay
PublisherDivyadarshan Trust
Publication Year
Total Pages296
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size33 MB
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