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________________ आगम (४०) प्रत सूत्रांक -- दीप अनुक्रम [-] आवश्यक”- मूलसूत्र-१ (निर्युक्तिः + वृत्तिः) भाग-४ अध्ययनं [१], निर्युक्तिः [ ८४७ ], वि० भा० गाथा [ - ], भाष्यं [ १५०...], मूलं [- / गाथा-] मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित.. आगमसूत्र [४०], मूलसूत्र-[१] “आवश्यक" निर्युक्ति एवं मलयगिरिसूरि-रचिता वृत्तिः एवं संकप्पिऊण सर्व भंडोवगरणं गहाय जेणेव भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ, भयवंतं बंदइ नमसइ, धम्मं सोचा जायपरमसंवेगो उत्तरपुरत्थिमं दिसीभागमवक्कमिऊणं सर्व भंडोवगरणं एडेइ, ततो सयमेव पंचमुट्ठियं लोयं करेइ, ततो भयवतो समीवे गंतूण चारितं पडिवज्जइ, एकारस अंगाई पढइ, ततो विसुद्धपरिणामस्स केवलनाणं समुप्पण्णं सिद्धो य ६ ॥ संयोगवियोगतोऽविलम्भइ, जहा दो महुरातो दाहिणा उत्तरा य, तत्थुत्तरातो वाणितो दक्खिणं गतो, तत्थ एगो वाणियगो तप्पडिमो, तेण से पाहुण्णं कथं, ताहे निरंतरं ते मिता जाया, अम्हं थिरतरा पीती होउत्ति जइ अम्हं पुत्तो धूया य जायइ तो संजोगं करिस्सामो, ताहे दक्खिणेण उत्तरस्स धूया वरिया, दिन्ना, एत्यंतरे दक्खिणमहरावाणितो मतो, पुत्तो से तंमि ठाणे डितो, अष्णया सो पहाइ, चउद्दिसिं चत्तारि सोबन्निया कलसा ठबिया, ताण वाहिँ रुपिया, ताण वाहिं तंबिया, ताण चाहिं मट्टिया, अण्णया ण्हाणविही रइया, ततो तस्स पुरतो पुवाए दिसाए सोवन्निओ कलसो नट्ठो, एवं वउद्दिसिं सबे नड्डा, उडियस्स पहाणपीढमवि नहं, अद्धिती जाया, जाव घरं पविट्ठो, ताहे भोयणविही उबट्टविया, ताहे सोवणियरुपमयाणि थालाणि रइयाणि, तत्थ एक्केकं भायणं नासेडमारद्धं, सो य पेच्छइ नासंते जाव से मूलपत्तीवि णासिउमारद्धा, ताहे तेण गहिया, जत्तियं गहियं तत्तियं ठियं, सेसं न, ततो गतो सिरिघरं जोएइ जाव तंपि रित्तयं पेच्छर, जंपि निहाणपडसं तंपि नहं, जंपि आभरणं तंपि नस्थि, जेसिंपि पित्तं तेवि भणति तुमं न याणामो, जो दासीवग्गो सोऽवि नहो, ताहे चिंतेइ अहो अहं अहन्नो, ततो चिंते-पवयामि, पपइतो, सामाइयाईणि एकारस अंगाणि पढाइ, ततो तेण खंडेण हत्थगएण कोउहलेण हिंडर जइ पेच्छेज्जामि, विहरंतो उत्तरमधुरं गतो, ताणिवि रयणाणि ससुर Por Private & Personal Use Only ~55~ wbrary.org
SR No.007204
Book TitleAagam 40 Aavashyak Malaygiri Vrutti Mool Sootra 1 Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherDeepratnasagar
Publication Year2017
Total Pages327
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_aavashyak
File Size27 MB
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