________________ नमो नमो निम्मलदसणस्स पूज्य आनंद-क्षमा-ललित-सुशील-सुधर्मसागर गुरुभ्यो नमः 40/1 पूज्य आगमोध्धारक आचार्य श्री सागरानंदसूरीश्वरेण संशोधित: संपादितश्च "आवश्यक-मूलसूत्र" [नियुक्ति: एवं मलयगिरिसूरिजी-रचिता वृत्तिः] (किंचित् वैशिष्ठ्यं समर्पितेन सह) मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलित: "आवश्यक” नियुक्ति: एवं वृत्ति:” नामेण परिसमाप्त: >Remember it's a Net Publications of 'jain e library's' ~307