________________ नियम = नियामक, अविनाभावः = अविनाभाव है। सूत्रार्थ : सहभाव नियम और क्रमभाव नियम को अविनाभाव कहते संस्कृतार्थ : साध्यसाधनयोः साहचर्य नियमः क्रमवर्तित्वनियमो वा अविनाभावः प्रोच्यते। सहभाव नियमः, क्रमभावनियमश्चेति द्वौ तस्याविनाभावस्य भेदौ स्तः। टीकार्थ : साध्य और साधन का एक साथ एक समय होने का नियम (सहचर्य)सहभाव नियम अविनाभाव है। और क्रम से होने का (काल के भेद से साध्य और साधन का) नियम क्रमभाव नियम इस प्रकार दो उस अविनाभाव के भेद हैं। 170. सहभाव अविनाभाव किसे कहते हैं ? एक साथ रहने वाले साध्य साधन के सम्बन्ध को सहभाव अविनाभाव कहते हैं। 171. क्रमभाव अविनाभाव किसे कहते हैं ? काल के भेद से क्रम पूर्वक होने वाले साध्य-साधन के सम्बन्ध को क्रमभाव अविनाभाव कहते हैं। 172. किन दो कारणों में सहभाव होता है ? सहचारी और व्याप्य-व्यापक कारणों में सहभाव होता है। अब आचार्य सहभाव नियम का विषय दिखलाते हुए सूत्र कहते हैं सहचारिणो ाप्यव्यापकयोश्च सहभावः॥ 13 // सूत्रान्वय : सहचारिणः = सहचारी, व्याप्यव्यापकयोः = व्याप्य और व्याप्यक में, सहभावः = सहभाव कहते हैं। सूत्रार्थ : सहचारी और व्याप्य-व्यापक पदार्थों में सहभाव नियम होता है। संस्कृतार्थ : सहचारिणो ाप्यव्यापकयोश्चाविनाभावः सहभावनियमाविनाभावः प्रोच्यते / यथा रूपरसयो र्व्याप्यप्यापकयोश्च सहभाव नियमोऽ 60