________________ (तर्क) कहते हैं। 162. सूत्र में उपलम्भ शब्द से किसे ग्रहण करना है ? सूत्र में उपलम्भ शब्द से प्रमाण सामान्य का ग्रहण करना चाहिए। 163. किस प्रकार की व्याप्ति के ज्ञान को परोक्ष माना गया है ? अनियत दिग्देश वाली व्याप्ति के ज्ञान को परोक्ष माना गया है। व्याप्ति की प्रवृत्ति के प्रकार एवं उदाहरण - . इदमस्मिन्सत्येव भवत्यसति तु न भवत्येव॥8॥ यथाऽग्नावेव धूमस्तदभावे न भवत्येवेति च॥9॥ सूत्रान्वय : इदम् = यह, अस्मिन् = इसमें, सति = होने पर, एव = ही, भवति = होती है, असति = नहीं होने पर, तु = परन्तु, न = नहीं, यथा = जैसे, अग्नौ = अग्नि में, धूमः = धुआँ, तत् = उसके, अभावे = अभाव में, न = नहीं, भवति = होता है, इति = इस प्रकार, च = और। सूत्रार्थ : यह साधनरूप वस्तु इस साध्यरूप वस्तु के होने पर ही होती है और साध्य रूप वस्तु के नहीं होने पर नहीं होती है, जैसे - अग्नि में ही धूम होता है और अग्नि के अभाव में धूम नहीं होता है। संस्कृतार्थ : स च तर्कः इदमस्मिन् सत्येव भवति असति तु न भवति इत्येवमूपः प्रवर्तते, यथा वह्नौ सत्येव धूमः उपलभ्यते, वहन्यभावे तु नैवोपलभ्यते॥ टीकार्थ : और वह तर्क यह इसमें होने पर ही होता है परन्तु नहीं होने पर नहीं होता है इस प्रकार रूप की प्रवृत्ति होती है जैसे - अग्नि के होने पर ही धूम की उपलब्धि होती है, परन्तु अग्नि के अभाव में धूम की प्राप्ति नहीं होती है। 164. व्याप्ति कितने प्रकार की होती है ? दो प्रकार की होती है - 1. अन्वयव्याप्ति 2. व्यतिरेक व्याप्ति। 165. व्याप्ति बनाते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ? 1. साध्य साधन के अविनाभाव रूप सम्बन्ध का। 57