________________ अब क्रम प्राप्त ऊह (तर्क) प्रमाण के विषय में कहते हैं - उपलम्भानुपलम्भनिमित्तंव्याप्तिज्ञानमूहः // 7 // . सूत्रान्वय : उपलम्भ = निश्चय करना, अनुपलम्भ = अनिश्चय करना, निमित्तं = कारण, व्याप्तिज्ञानम् = व्याप्ति ज्ञान को, ऊहः = तर्क, व्याप्ति - किसी एक पदार्थ में दूसरे पदार्थ का पूर्णरूप से मिला होना। सूत्रार्थ : निश्चय (अन्वय) और अनिश्चय (व्यतिरेक) जिसमें निमित्त हैं, ऐसे व्याप्ति के ज्ञान को तर्क कहते हैं। संस्कृतार्थ : उपलम्भश्चानुपलम्भश्च उपलम्भानुपलम्भौ निश्चयानिश्चया वित्यर्थः, तौ निमित्तं यस्य तत् उपलम्भानुपलम्भनिमित्तम् / तथा च साध्यसाधनविषयिक निश्चयानिश्चयहेतुकत्वे सति व्याप्तिज्ञानत्वं तर्कत्वम्। टीकार्थ : उपलम्भश्चानुपलम्भश्च उपलम्भानुपलम्भौ यह द्वन्द्व समास है। निश्चय और अनिश्चय इस प्रकार अर्थ है। वे दोनों निमित्त हैं जिसके वह निश्चयानिश्चय निमित्तक हैं और उसी प्रकार साध्य साधन विषय का निश्चय और अनिश्चय कारण होने पर व्याप्ति के ज्ञान को तर्क कहते हैं। . 157. अन्वय किसे कहते हैं ? साधन के सद्भाव में साध्य का सद्भाव अन्वय कहलाता है। 158. व्यतिरेक किसे कहते हैं ? साध्य के अभाव में साधन का अभाव व्यतिरेक कहलाता है। 159. साध्य एवं साधन का निश्चय और अनिश्चय किसके अनुकूल रहता है ? क्षयोपशम के अनुकूल रहता है। 160. व्याप्ति किसे कहते हैं ? किसी एक पदार्थ के होने पर दूसरे पदार्थ के होने और उसके न होने पर दूसरे के भी न होने को व्याप्ति कहते हैं। 161. तर्क किसे कहते हैं ? अन्वय और व्यतिरेक जिसमें निमित्त हैं, ऐसे व्याप्ति के ज्ञान को ऊह 56