________________ 144. अवधिज्ञान और मनःपर्ययज्ञान तो निरावरण नहीं है, फिर मुख्य प्रत्यक्ष क्यों है ? अतीन्द्रिय होने से इन दोनों ज्ञानों में भी विशदता पाई जाती है। 145. केवलज्ञान मुख्य प्रत्यक्ष क्यों है ? केवलज्ञान अतीन्द्रिय और निरावरण है। 146. ज्ञान की विशदता के लिए आवश्यक क्या है ? निरावरण और अतीन्द्रियपना अत्यावश्यक है। // इति द्वितीयः परिच्छेदः समाप्तः॥ (इस प्रकार द्वितीय परिच्छेद पूर्ण हुआ)