________________ 139. सामग्री किसे कहते हैं ? योग्य, द्रव्य, क्षेत्र, काल, भाव, की प्राप्ति को सामग्री कहते हैं। 140. उक्त सूत्र में लक्ष्य एवं लक्षण क्या है ? मुख्य प्रत्यक्ष लक्ष्य है, सामग्री विशेष से दूर हो गये हैं, समस्त आवरण जिसके यह अतीन्द्रिय ज्ञान का लक्षण है। 141. इन्द्रियों की सहायता के बिना समस्त ज्ञेयों को जानने में समर्थ कौन है ? मुख्य प्रत्यक्ष। पारमार्थिक पूर्णतया विशद क्यों है, उसका समाधान - सावरणत्वे करणजन्यत्वे च प्रतिबंधसम्भवात्॥ 12 // सूत्रान्वय : सावरणत्वे = आवरण सहित में, करणजन्यत्वे = इन्द्रिय जनित में, च = और, प्रतिबंध = रुकावट, संभवात् = संभव होने से। सूत्रार्थ : क्योंकि आवरण सहित और इन्द्रिय जनित मानने पर ज्ञान का प्रतिबंध संभव है। ___ संस्कृतार्थ : सावरणत्वे करणजन्यत्वे च सत्येव ज्ञाने प्रतिबंधः सम्भवति। अतो यज्ज्ञानं निरावरणमतीन्द्रियं वा जायते तदेव मुख्यप्रत्यक्षमवगन्तव्यम्। टीकार्थ : आवरण सहितपना और इन्द्रियजन्यपना होने पर ही ज्ञान में प्रतिबंध संभव होता है इसलिए जो ज्ञान निरावरण और अतीन्द्रिय होता है उसे ही मुख्य प्रत्यक्ष जानना चाहिए। 142. मुख्य प्रत्यक्ष किसे कहते हैं ? मुख्य प्रत्यक्ष इन्द्रिय आलोक आदि समस्त पर वस्तुओं की सहायता से रहित केवल आत्मा के सन्निधि मात्र की अपेक्षा से उत्पन्न होता है अतः उसे अतीन्द्रिय कहते हैं। 143. मुख्य प्रत्यक्ष कितने प्रकार का है ? तीन प्रकार का है - 1. अवधिज्ञान 2. मनःपर्यय ज्ञान, 3. केवलज्ञान। 49