________________ अनेकान्त ग्रन्थमाला बीना से प्रकाशित साहित्य एक परिचय अनेकान्त ज्ञान मंदिर शोध संस्थान बीना (म.प्र.) द्वारा संचालित अनेकान्त ग्रन्थमाला के अन्तर्गत अनेक महत्वपूर्ण ग्रन्थों, पुस्तकों का प्रकाशन कर जन सामान्य के लिए सुलभ कराया जा रहा है। अभी तक प्रकाशित ग्रन्थों का संक्षिप्त परिचय है1. अनेकान्त भवन ग्रन्थावली 1, 2- सम्पादक - ब्र. संदीप 'सरल' प्रकाशन वर्ष 2000 पृष्ठ 5 + 186 संस्करण - प्रथम अनेकान्त ज्ञान मंदिर बीना द्वारा संचालित ‘शास्त्रोद्वार शास्त्र सुरक्षा अभियान' के अन्तर्गत संकलित संस्कृत, प्राकृत एवं हिन्दी विषयक हस्तलिखित ग्रन्थों की विवरणिका तैयार कर शोधार्थियों, विद्वानों के लिए शोधाध्यन हेत, महत्वपूर्ण सामग्री उपलब्ध कराई है। प्रथम भाग में श्री सिद्धकूट चैत्यालय से प्राप्त 1221 ग्रन्थों का एवं द्वितीय भाग में विभिन्न शास्त्र भण्डारों से प्राप्त 1470 ग्रन्थों का सूचीकरण विज्ञान के अनुसार 14 बिंदुओं के अन्तर्गत वर्गीकरण कर ग्रन्थों का परिचय दिया है। 2. अनेकान्त भवन ग्रन्थावली भाग - 3 सम्पादक - ब्र. संदीप 'सरल' प्रकाशन वर्ष 2001, पृष्ठ 5 +210+25 संस्करण - प्रथम भाग -3 के अन्तर्गत विभिन्न शास्त्र भंडारों से संकलित किए गए 3401 हस्तलिखित ग्रन्थों का सूचीकरण विज्ञान के अनुसार विवरण दिया गया है। 3. प्रमाण निर्णय - लेखक - आचार्य वादिराज जी, अनुवादक - सम्पादक - डॉ. सूरजमुखी, प्रकाशन वर्ष 2001, संस्करण प्रथम / पृष्ठ 21 + 110 + V जैन न्याय के तलस्पर्शी ज्ञाता आचार्य वादिराज जी ने प्रमाणनिर्णय ग्रन्थ के अन्तर्गत प्रमाण विषयक सुव्यवस्थित प्ररूपणा की है। 4. आप्तमीमांसावृत्ति - लेखक - आचार्य वसुनंदी, अनुवादिका - डॉ. सूरज मुखी जैन, सम्पादक - ब्र. संदीप 'सरल' प्रकाशन वर्ष - 2003 पृष्ठ 256 प्रस्तुत कृति आचार्य वसुनंदी सैद्धान्तिक देव द्वारा रचित जैन दर्शन के तार्किक शिरोमणि आचार्य समन्तभद्र स्वामी की अमररचना देवागम आप्तमीमांसा पर लिखी गई लघुपरिणाम की सरल व्याख्या है। प्रस्तुत कृति के प्रकाशन में निम्न असाधारण मौलिकताएं दृष्टव्य हैं। (1) आप्तमीमांसावृत्ति 205