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________________ होने की योग्यता होती है, उसे उपलब्धि लक्षण प्राप्त(दृश्य) कहते हैं। जैसे घट उपलब्धि लक्षण प्राप्त है और पिशाच अनुपलब्धि लक्षण प्राप्त है। 63. लौकायतिक - चार्वाक का दूसरा नाम लौकायतिक है। जो चारू (सुन्दर) वचन बोलते हैं अथवा आत्मा, परलोक आदि का चर्वण (भक्षण) करते हैं, उन्हें चार्वाक कहते हैं। ये साधारण लोगों की तरह आचरण करते हैं। इसलिए इनको लौकायतिक भी कहते हैं। इनके जीवन का लक्ष्य है, खाओ, पिओ और मस्त रहो। वर्तमान में भौतिकवादियों को चार्वाक कहा जा सकता है। 64. जैमिनीय - महर्षि जैमिनी मीमांसादर्शन के सूत्रकार तथा प्रवर्तक हैं। इसलिए जैमिनी के अनुयायियों को जैमिनीय (मीमांसक) कहते हैं। 65. यौग - नैयायिक और वैशेषिकों का सम्मिलित नाम यौग है। अनेक बातों में न्याय और वैशेषिक दर्शनों में समानता पाई जाती है। इसलिए इन दोनों के योग (जोड़ी) को यौग नाम दे दिया गया है। 66. सौगत - महात्मा बुद्ध का एक नाम सुगत भी है। अतः सुगत के अनुयायियों को सौगत कहते हैं / बौद्ध और सौगत दोनों पर्यायवाची शब्द (साभार - प्रमेयकमलमार्तण्ड परिशीलन से) 194
SR No.007147
Book TitleParikshamukham
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManikyanandi Aacharya, Vivekanandsagar, Sandip
PublisherAnekant Gyanmandir Shodh Samsthan
Publication Year2011
Total Pages22
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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