________________ अथ आभास स्वरूप प्रकरणम् अथ षष्ठः परिच्छेदः अब पहले कहे गये प्रमाण के स्वरूप, संख्या, विषय और फल इन चारों के आभासों को कहते हैं - ततोऽन्यत्तदाभासम्॥1॥ सूत्रान्वय : ततः = उसमें, अन्यत् = अन्य, तदाभासम् = तदाभास है। सूत्रार्थ : पहले कहे गए प्रमाण से भिन्न प्रमाणाभास है। संस्कृतार्थ : पूर्वोक्त प्रमाणस्य स्वरूपसंख्याविषयफलेभ्यो विपरीतानि (भिन्नानि) स्वरूपसंख्याविषयफलानि स्वरूपाभास संख्याभासविषयाभासाः प्रोच्यन्ते। टीकार्थ : पहले कहे गए प्रमाण के स्वरूप, संख्या, विषय और फल से विपरीत फलाभास कहे जाते हैं। 275. तदाभास किसे कहते हैं ? यथार्थ स्वरूप से रहित होने पर भी उन जैसे प्रतिभासित होने वाले स्वरूपादि को तदाभास कहते हैं। 276. स्वरूपाभास किसे कहते हैं ? प्रमाण के स्वरूप से रहित विपरीत आभास को स्वरूपाभास कहते हैं। 277. संख्याभास किसे कहते हैं ? प्रमाण की यथार्थ संख्या से विपरीत अयथार्थ संख्या को संख्याभास कहते हैं। 278. विषयाभास किसे कहते हैं ? प्रमाण के वास्तविक विषय से विपरीत विषय को विषयाभास कहते हैं। 279. फलाभास किसे कहते हैं ? प्रमाण के फल से विपरीत फल को फलाभास कहते हैं। 135