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लक्षण गाय में पाया जाता है, इसलिए इसमें असम्भव दोष नहीं है; लक्ष्यरूप सभी गायों में पाया जाता है, इसलिए अव्याप्ति दोष से दूषित भी नहीं है; परंतु गाय रूप । लक्ष्य के अतिरिक्त अलक्ष्यरूप हाथी, घोड़े आदि में भी पाया जाता है; अतः अतिव्याप्ति दोष से दूषित है। इसप्रकार गाय का लक्षण पशु बनाना, अतिव्याप्त लक्षणाभास है, वास्तविक लक्षण नहीं है। _ निष्कर्ष यह है कि पशु का लक्षण गाय अव्याप्ति तथा गाय का लक्षण पशु अतिव्याप्ति दोष से दूषित होने के कारण लक्षणाभास हैं।
प्रश्न 10: जो खट्टा हो, उसे नीबू कहते हैं - इस कथन की परीक्षा कीजिए। - उत्तर 10: प्रस्तुत कथन में खट्टा लक्षण है और नींबू लक्ष्य है। खट्टारूप लक्षण नींबू रूप लक्ष्य में पाया जाता है, इसलिए असम्भव दोषवाला नहीं है; नींबू रूप सम्पूर्ण लक्ष्य में पाया जाता है, इसलिए अव्याप्ति दोषवाला भी नहीं है; परन्तु नींबूरूप लक्ष्य के साथ ही इमली आदि अलक्ष्य में भी पाया जाता है, इसलिए अतिव्याप्ति दोषवाला है।
इसप्रकार नींबू का लक्षण खट्टापन अतिव्याप्ति दोष से दूषित होने के कारण लक्षणाभास है।
प्रश्न 11: जिसमें स्पर्श, रस, गंध, वर्ण हो, उसे पुद्गल कहते हैं - इस कथन . की परीक्षा कीजिए।
उत्तर : प्रस्तुत कथन में स्पर्श, रस, गंध, वर्ण लक्षण है और पुद्गल लक्ष्य है। . यह लक्षण पुद्गल में सदा पाया जाता है, इसलिए असम्भव दोषवाला नहीं है; समस्त पुद्गलों में पाया जाता है, इसलिए अव्याप्ति दोषवाला भी नहीं है तथा पुद्गल के अतिरिक्त अन्य किसी में भी नहीं पाया जाता है, इसलिए अतिव्याप्ति दोषवाला भी नहीं है। .
इसप्रकार पुद्गल का लक्षण स्पर्श आदि - यह तीनों दोषों से रहित होने के कारण यथार्थ लक्षण है।
प्रश्न 12: इस प्रकरण को समझने से हमें क्या लाभ है ?
उत्तरः वैसे तो इस प्रकरण को समझने से अनेकों लाभ हैं; पर उनमें से कुछ मुख्य निम्नलिखित हैं -
• तत्त्वज्ञान विवेचिका भाग एक /45