________________
34
जैन धर्म: सार सन्देश
नेमिचन्द्र रचित द्रव्यसंग्रह और मल्लिसेन रचित स्याद्वादमञ्जरी के नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं।
बाद में जैन धर्म के सिद्धान्तों और उपदेशों को आसानी से सामान्य जन तक पहुँचाने के उद्देश्य से हिन्दी तथा अन्य अनेक भारतीय भाषाओं में भी बहुत-से महत्त्वपूर्ण ग्रन्थ रचे गये हैं। ___ जैन साहित्य में धर्म और दर्शन के अतिरिक्त तर्कशास्त्र, जीवनचरित्र, नैतिक कथा, नाटक, व्याकरण आदि विषयों पर भी अनेक ग्रन्थ गद्य और पद्य-दोनों में पाये जाते हैं। इस प्रकार जैन साहित्य में अध्ययन और चिन्तन के लिए पर्याप्त सामग्री भरी पड़ी है।