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सन्दर्भ सूची
प्रस्तावना
1. रणजीत सिंह कूमट, ध्यान से स्वबोध, प्राकृत भारती अकादमी, जयपुर, 2007, पृ. XIX 2. हुकमचन्द भारिल्ल-सम्पादक, बृहज्जिनवाणी संग्रह, दसम् संस्करण, अखिल भारतीय जैन
युवा फैडरेशन, जयपुर, 2006, पृ. 644 3. श्री आत्माराम जी महाराज, श्री जैनतत्त्व कलिका विकास, तृतीय संस्करण, __ आत्मज्ञान-श्रमण-शिव आगम प्रकाशन समिति, लुधियाना, 2004, पृ.9 4. वही, पृ. 10
अध्याय-1 1. पण्डित टोडरमल, मोक्षमार्ग प्रकाशक, सत्साहित्य प्रकाशन एवं प्रचार विभाग, जयपुर,
1989, पृ. 10 2. तिलोयपण्णत्ती 1/1476-78 3. स्कन्द पुराण, अध्याय 37 4. संगवे, विलास ए. आसपेक्ट्स ऑफ़ जैन रिलिजन, दूसरा संस्करण, नई दिल्ली: भारतीय
ज्ञानपीठ, 1999, पृ. 23 5. एपिग्राफ़िका इंडिका 1.386, अभिलेख VIII 6. वही I.383, अभिलेख III 7. वही I.396, अभिलेख VIII 8. ऋगवेद X.136.1-3; IV.6.8; V.1.22 और VIII.8.24 9. ऋग्वेद, मण्डल 2, सूक्त 33, वर्ग 17 10. संगवे, विलास ए., आसपेक्ट्स ऑफ़ जैन रिलिजन, दूसरा संस्करण, नई दिल्ली: भारतीय
ज्ञानपीठ, 1999, पृ.21 11. उत्तराध्ययन सूत्र XXII.3-4 12. एपिग्राफ़िका इंडिका I-389 और II.208-210 13. कल्पसूत्र 150 में इनका नाम अश्वसेन दिया हुआ है। 14. कल्पसूत्र 168
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