SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 173
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 172 जैन धर्मः सार सन्देश ___ अक्सर चार प्रकार के दान की चर्चा की जाती है। पर इन चारों में सद्गुरु द्वारा दिया गया ज्ञान-दान ही श्रेष्ठ माना जाता है। ब्रह्मचारी मूलशंकर देशाई इन चारों दानों का उल्लेख करते हुए ज्ञान-दान की उत्तमता या श्रेष्ठता का कारण इन शब्दों में व्यक्त करते हैं: ऐसे पात्र जीवों को चार प्रकार का दान देना चाहिए: (१) आहारदान, (२) औषधदान, (३) अभय दान, (४) शास्त्रदान (शास्त्र-प्रतिष्ठित ज्ञान-दान) । इन चारों ही प्रकार के दानों में उत्तमदान ज्ञान-दान ही है, क्योंकि आहार दान देने से पात्र जीव एक दिन की क्षुधा नाम के रोग से मुक्त हो सकता है, औषधदान देने से पात्र जीव महीना दो महीना वर्ष आदि तक रोग से मुक्त हो सकता है, अभयदान देने से पात्र जीव एक आयु तक भय से मुक्त हो सकता है और ज्ञान-दान देने से जीव अनन्त भव का जन्म-मरण नाश करके सिद्ध पद की प्राप्ति कर सकता है। 19 सन्त सद्गुरु से प्राप्त ज्ञानरूपी प्रसाद द्वारा साधक किस प्रकार अपनी साधना में आनेवाले विघ्नों और सांसारिक प्रलोभनों पर विजय प्राप्त करने में सफल होता है, इसे जैन सिद्धान्त प्रवेश रत्नमाला में एक बड़े ही सुन्दर दृष्टान्त द्वारा समझाया गया है। संसार के प्रलोभन, भ्रमपूर्ण विचार और राग-द्वेष आदि सर्प के समान हैं और दृढ़तापूर्वक अपनी साधना में लगा हुआ पुरुषार्थी जीव नेवले के समान है जिसे सन्त सद्गुरु की दीक्षारूपी जड़ी-बूटी प्राप्त है। इस जड़ी-बूटी के प्रभाव से वह संसाररूपी सर्प के विषरूप विघ्न को दूरकर अपने लक्ष्य की प्राप्ति में सफल हो जाता है, जैसा कि जैन सिद्धान्त प्रवेश रत्नमाला में स्पष्ट किया गया है: साँप और नेवला एक दूसरे का दुश्मन होता है। जब नेवला साँप के साथ लड़ाई करता है तो जंगल में एक नोलबेल नाम की जड़ी-बूटी होती है उसी के पास रहकर नेवला साँप के साथ लड़ाई करता है, क्योंकि यदि लड़ाई में साँप काट ले, तो उस नोलबेल बूटी को सूंघ
SR No.007130
Book TitleJain Dharm Sar Sandesh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKashinath Upadhyay
PublisherRadhaswami Satsang Byas
Publication Year2010
Total Pages394
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size21 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy