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४ अ. अभुट्ठिओमि सूत्र
सूत्र विभाग ३४ sutra part
4 A. abbhutthiomi sutra गाथार्थ :
Stanzaic Meaning :हे भगवन! स्वेच्छा से आज्ञा प्रदान करो। दिन में किये हुए [अपराधों | Oh bhagavanl kindly give me the permission voluntarily. I am present to seek की क्षमा मांगने के लिये मैं उपस्थित हुआ हूँ, आपकी आज्ञा स्वीकार | forgiveness [for the faults] committed during theday.|accept your orders. I beg करता हूँ. दिन में हुए [अपराधों की] मैं क्षमा मांगता हूँ. आहार-पानी में, pardon [for the misdeeds] committed during the day. If any unpleasantness, विनय में, वैयावृत्य में, बोलने में, बातचीत करने में, ऊँचे आसन पर | bitterness is done in the matter of food-water, regarding politeness, dedicated बैठने से, समान आसन पर बैठने से, बीच में बोलने से, टीका करने | service, while talking. during conversation, bysittingonahigher place, bysitting
से जो कोई अप्रीतिकारक, विशेष अप्रीतिकारक हुआ हो, छोटा या बड़ा | on an equivalent place, by interrupting, by commenting any major or minor |विनय रहित [वर्तन] मुझसे हुआ हो, जो आप जानते हो, मैं नहीं जानता | discourteseous [act] in shown by me [which] you know, I do not know, those हूँ, मेरे वे अपराध मिथ्या हों................... ...........१. | misdeeds of mine may become fruitless..
.......................1. सूत्र परिचय :
introduction of the sūtra :इस सूत्र से गुरु महाराज के प्रति हुए अविनय के लिये क्षमा मांगी जाती | By this sutra, forgiveness is asked for the impoliteness shown towards guru
maharaja.
प्रतिक्रमण सूत्र सह विवेचन - भाग - १
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Pratikramana Sutra With Explanation-Part-1
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