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२०. कल्लाण-कंदं स्तुति सूत्र विभाग १२५ sutra part
20. kallanakandam stuti के स्थानरूप श्री पार्श्वनाथ एवं श्री महावीर स्वामी को मैं भक्ति पूर्वक | to sri parsvanāthalike a form of illumination and an abode ofnoble virtues and वंदन करता हूँ. ..१. | to sri mahavirasvami..........
...........................................1. पार विना के संसार समुद्र के किनारे को प्राप्त किये हुए, देव समूह से | All the jinesvarashavingcrossed the banks ofendless ocean oflife, obeisanced वंदित और कल्याण रूपी लता के विशाल कंद समान सर्व जिनेश्वर | by the assembly of heavenly deities and like the vast root of origin of prosperity शास्त्र का साररूप शिव-सुख हमें प्रदान करें. .............२. | in the form of creepers shall bestow the essence of all scriptures in the form of pleasures of salvation..............
.................2. निर्वाण मार्ग में श्रेष्ठ वाहन समान, कुवादियों के अभिमान को पूर्णतया || always obeisance to the principles established by the jinesvaras like the best नष्ट करने वाले, विद्वानों के शरण रूप और तीनों लोक में श्रेष्ठ जिनेश्वर | vehicle on the path of salvation, annihilator of pride of misguiding discussers द्वारा प्ररूपित मत को मैं नित्य नमस्कार करता हूँ..................३. | completely. like the shelter to scholars and supreme in the three worlds. ... 3. मचकुंद पुष्प, चंद्रमा, गाय के दूध और हिम जैसे श्वेत वर्णवाली. एक | That praised goddess sarasvati having white colour like that of jasmine flower, हाथ में कमल को धारण करने वाली और कमल पर बैठी हुई तथा दूसरे] | full moon, cow'smilk and ice; holding lotus flower in [one] hand, sitting on the हाथ में पुस्तकों के समूह को धारण करने वाली वह प्रशस्ता सरस्वती | lotus flower and holding a collection of books in [other] hand always be the देवी हमें सदा सुख देने वाली हो........................ ........४. bestower of happiness upon us. .......
..................4. विशेषार्थ :
Specific meaning :कल्लाण-कंदं = आत्मोद्धार करने में मुख्य कारण.
kallana-kadam = The chief mean to attain spiritual progress / self elevation. अपार = अति दुर्गम / कठिनता से पार पाया जाने वाला. apāra = Very inaccessible / that which can be crossed with great difficulty. श्रुत = सुनने योग्य या सुना जा सकने वाला / सुनकर प्राप्त किया हुआ | Sruta = Worth listening to or that which can be heard / knowledge attained by
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प्रतिक्रमण सूत्र सह विवेचन - भाग - १ Jain Education International
Pratikramana Sūtra With Explanation - Part - 1
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