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२०. कल्लाण-कंदं स्तुति
सूत्र विभाग १२६ sutra part
20. kallana-kandam stuti ज्ञान
_hearing. निर्वाण = मोक्ष / सर्व कर्मों से मुक्ति.
nirvana = Salvation/freedom from the bondage of all karmas. तीन लोक = स्वर्ग, मृत्यु मिनुष्य और पाताल लोक.
ti na loka = Three worlds / world of heaven, world of death (human beings, and
___under world. स्तुति = गुणगान
stuti = Eulogy १. चैत्य-वंदन की क्रिया में कायोत्सर्ग के बाद बोला जाने वाला एक 1 1. A poetic eulogy of one stanza (couplet] spoken after kāyotsarga in the rite श्लोक प्रमाण गुण-कीर्तनमय काव्य.
of caitya-vandana. २. देव-वंदन की क्रिया में एक-एक श्लोक से चार बार बोले जाने | 2.Poetic eulogy of each stanza uttered four times in therite of deva-vandana.
वाला गुण-कीर्तनमय काव्य. ३. एक-एक श्लोक से किया जाने वाला गुण-कीर्तनमय काव्य, 3. Poetic eulogy of each stanza uttered one by one. स्तवन = चैत्य-वंदन की क्रिया के मध्य भाग में बोला जाने वाला बहु | stavana = Aneulogy of many stanzas spoken in the middle of the rite of caitya__ श्लोक प्रमाण गुण-कीर्तनमय काव्य
___vandana. सूत्र परिचय :
Introduction of the sūtra :इस स्तुति की पहली गाथा में श्री ऋषभदेव, शांतिनाथ, नेमिनाथ, | There is aglorification of srirsabhadeva, santinatha, neminatha, parsvanātha पार्श्वनाथ और महावीर स्वामी की, दूसरी गाथा में सर्व जिनेश्वरों की, and mahavirasvami inthe firststanza,ofall the jinesvarasin thesecondstanza, तीसरी गाथा में जिन आगम की और चौथी गाथा में श्रृत देवता की | of the jina āgama in the third stanza, and of the Sruta devata goddess of स्तुति है.
scriptures in the fourth stanza of this eulogy.
प्रतिक्रमण सूत्र सह विवेचन - भाग - १
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Pratikramana Sūtra With Explanation - Part - 1
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