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२०. कल्लाण-कंदं स्तुति
सूत्र विभाग sutra part
20. kallanakandam stuti | दूध, तुसार = हिम जैसे, वन्ना = श्वेत वर्ण वाली
tusāra = ice, vannā = having colour सरोज-हत्था = [एक हाथ में कमल को धारण करने वाली saroja-hatthā = holding lotus flower in one hand सरोज = कमल को धारण करने वाली]. हत्था = हाथ में
saroja = holding lotus flower, hatthā = in hand कमले निसन्ना = कमल पर बैठी हुई
kamale nisannā = sitting on lotus flower कमले = कमल पर, निसन्ना = बैठी हुई
___kamale = on lotus flower, nisanna = sitting वाएसिरी = वागीश्वरी [सरस्वती देवी [विद्या देवी]
vāesiri = vāgiśvari (sarasvati) devi [goddess of learning) पुत्थय-वग्ग-हत्था = (दूसरे हाथ में पुस्तकों के समूह को (धारण putthaya-vagga-hatthā = (holding a collection of books in other hand
करने वाली पुत्थय = पुस्तकों के, वग्ग = समूह को
putthaya = of books, vagga = collection |सुहाय = सुख देनेवाली हो]
suhāya = be the bestower of happiness सा = वह
sa = that अम्ह = हमें
amha = upon us सया = सदा
saya = always पसत्था = प्रशस्ता (प्रशंसित
pasatthā = praised गाथार्थ :
Stanzaic meaning:कल्याण के मूल समान प्रथम जिनेश्वर [श्री ऋषभदेव], श्री शांतिनाथ, | Iobeisance devotionally to the first jinesvara [Srirsabha deva] like the source मुनियों के स्वामी श्री नेमिनाथ जिनेश्वर, प्रकाश स्वरूप और सद्गुणों | of prosperity, to sri santinatha, to sri neminatha jinesvara, the lord of munis,
प्रतिक्रमण सूत्र सह विवेचन- भाग-१
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Pratikramana Sūtra With Explanation - Part - 1
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