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२०. कल्लाण- कंदं स्तुति
समान
निव्वाण = निर्वाण, मग्गे = मार्ग में वर = वाहन, कप्पं = समान
पणासिया सेरा कुवाइदप्यं कुवादियों के अभिमान को पूर्णतया
नष्ट करने वाले
=
सूत्र विभाग
salvation
nivāna = salvation, magge = on the path of vara = the best, jāna = vehicle, kappam = like paṇāsiyā-sesa-kuvāi-dappam = annihilator of pride of misguiding scholars jill-discussers completely
panāsiyā = annihilator, sesa = completely, kuvāi = of misguiding scholars, dappam = of pride
mayam jiņāṇam = to the principles established by the jinesvaras mayam = to the principles, jinānam = established by the jineśvaras saranam buhāṇam = like the shelter for scholars
saranam = like the shelter, buhānam = for scholars
namāmi niccam = i always obeisance
namāmi = | obeisance, niccam = always tijaga-ppahāṇam = supreme in the three worlds
ति = तीनों जग = लोक में, प्पहाणं = श्रेष्ठ
ti = in the three, jaga worlds, ppahānam = supreme
.
४. कुंदिंदु-गोक्खीर- तुसार-वन्ना = मचकुंद पुष्प, चंद्रमा, गाय के दूध 4. kundindu-gokkhira-tusāra-vannā having [white colour like jasmine flower और हिम जैसे [ श्वेत] वर्ण वाली
full moon, cow's milk and ice
कुंद =
मचकुंद पुष्प, इंदु = चंद्रमा, गो = गायका, क्खीर =
kunda = like jasmine flower, indu = full moon, go = cow's, kkhira = milk,
=
पणासिया = नष्ट करने वाले, सेस पूर्णतया, कुवाइ कुवादियों के दप्पं = अभिमान को
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मयं जिणाणं = जिनेश्वर द्वारा प्ररूपित मत को
मयं = मत को, जिणाणं = जिनेश्वर द्वारा प्ररूपित सरणं बुहाणं विद्वानों को शरण रूप
=
सरणं = शरण रूप, बुहाणं = विद्वानों को
| नमामि निच्वं = मैं नित्य नमस्कार करता हूं
प्रतिक्रमण सूत्र सह विवेचन भाग १
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श्रेष्ठ, जाण =
नमामि = मैं नमस्कार करता हूं, निच्चं = नित्य तिजग-प्पहाणं = तीनों लोक में श्रेष्ठ
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१२३
=
sūtra part
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20. kallana-kandam stuti
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Pratikramaņa Sūtra With Explanation - Part - 1
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