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२०. कल्लाण-कंदं स्तुति सूत्र विभाग १२२ sutra part
20. kallāņa-kandam stuti = श्री वर्धमान स्वामी को
vardhamāna svāmi २.अपार-संसार-समुद्द-पारं पत्ता = पार बिना के संसार समुद्र के 2.apära-sansāra-samudda-pāram pattā = having crossed the banks of किनारे को प्राप्त किये हुए
endless ocean of world / life to overcome the cycle of birth and death) अपार = पार बिना के, संसार = संसार. समुद्द = समुद्र के, apara = of endless, sansāra = of world, samudda = ocean, pāram = the पारं = किनारे को, पत्ता = प्राप्त किये हुए
banks, pattā = having crossed सिवं दितु सुइक्क-सारं = शास्त्र के सार रूप शिव-सुख (मोक्ष) को | sivam dintu suikka-sāram = bestow the essence of scriptures in the form of प्रदान करें
pleasures of salvation सिवं = शिव-सुख को, दिंतु = प्रदान करें, सुइक्क = शास्त्र sivam = pleasures of salvation, dintu = bestow, suikka = of scriptures, के. सारं = सार रूप
säram = the essence in the form of सब्बे जिणिंदा सुर-विंद-वंदा = देव समूह से वंदित सर्व जिनेश्वर | savve jininda suravinda-vanda = all jinesvaras obeisanced by the assembly
of heavenly deities सव्वे = सर्व, जिणिंदा = जिनेश्वर, सुर = देव, विंद = समूह savve = all, jininda = jinesvaras, sura = heavenly deities, vinda = by the से, वंदा = वंदित
assembly of, vanda = obeisanced कल्लाण-वल्लीण विसाल-कंदा = कल्याण रूपी लता के विशाल kallāna-valliņa visāla-kandā = like the vast root of prosperity in the from of मूल समान
creepers कल्लाण = कल्याण रूपी, वल्लीण = लता के, विसाल = kallāņa = prosperity in the from of, valliņa = of creepers, visāla = vast, विशाल, कंदा = मूल समान
kandā = like the root ३.निव्वाण-मग्गे वर-जाण कप = निर्वाण [मोक्ष] मार्ग में श्रेष्ठ वाहन | 3.nivvāna-magge varajana kappam = like the best vehicle on the path of प्रतिक्रमण सूत्र सह विवेचन - भाग - १
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Pratikramana Sutra With Explanation - Part-1
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