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________________ अनु. ४२ ४३ ४४ ૪૫ ४६ ४७ ४८ ४८ 40 ૫૧ પર ૫૩ ૫૪ यय પ ५७ पट ૫૯ ६० ૬૧ ૨ ६३ G11 ६४ પ ૬૬ ६७ ६८ ૬૯ विषय उपलोग परिलोग परिभाएाव्रत के अतियार प्रा नि३पासू-४७ अनर्थदंड विरभाव्रत डे अतियार प्रा नि३पासू-४८ सामयिऽव्रत ऐ पांय अतियारों का नि३पाएा सू-४८ शावाशिऽव्रत के पांय जतियारों प्रा नि३पएा सू-५० पोषधोपवासव्रत पांय अतियारों ना नि३पासू-५१ जारहवें व्रत पांय अतियार प्रा नि३पएा सू-५२ भारशांति संलेजना हे पांय जतियारों प्रा नि३पा सू-43 चांय महाव्रतोप्रा नि३पासू-५४-५५ परीस लावनाओंों प्रा नि३पासू-४६ सामान्य प्रकार से सर्वव्रत डी लावनाओं का निश्पा सू-५७ सज प्राशियों में मैत्रिलावना प्रा नि३पासू-पट चारित्र से लेह ST नि३पासू-प तथ के लेह प्रथन सू-६० जाह्य तप से लेहा नि३पासू- ६१ आल्यन्तर तथ लेह प्रा नि३पासू- ६२ दृश प्रकार के प्रायश्चित प्रा नि३पासू- ६३ विनय३प आल्यन्तर तथ डे लेह प्रा नि३पएा सू-६४ वैयावृत्यों प्रा नि३पासू-१५ स्वाध्याय से लेह प्रा नि३पासू-१६ ध्यान दे स्वरूप नि३पाएा सू-१७ ध्यान प्रा यतृर्विध हा नि३पासू- ६८ धर्मध्यान जेवं शुलध्यान मोक्ष के द्वारा३प प्रानि३पासू-६८ सार्त्तध्यान द्वे यार लेहों प्रा प्रथन सू-७० अजिरत जाहि हो खार्त्तध्यान होने ा प्रतिपाघ्न सू-७१ रौद्रध्यान यार लेहों प्रा नि३पा सू-७२ धर्मध्यान हे यार लेहों प्रा नि३पएा सू-७३ शुलध्यान दे यार लेहों प्रा नि३पासू-७४ शुलध्यान से स्वामि जाहि प्राथन सू-७५ पाना नं. શ્રી તત્વાર્થ સૂત્ર : ૨ ૧૨૯ ૧૩૧ १३४ ૧૩૬ ૧૩૮૯ ૧૪૧ ૧૪૩ ૧૪૫ १४७ ૧૫૨ १५७ ૧૬૦ ૧૬૪ ૧૬૬ १७० १७२ १७७ १८० १८२ १८३ १८५ १८६ १८७ १८८ ૧૯૨ ૧૯૩ १८८ २००
SR No.006486
Book TitleTattvartha Part 02 Sthanakvasi Gujarati
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1973
Total Pages336
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati, Agam, & Canon
File Size15 MB
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