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अनु.
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विषय
ठेवली हो अन्तिम हो शुलध्यान होने का प्रथन सू-७६ यार प्रकार डे शुडलध्यान हे स्थान विशेष डा કે
કે
नि३पएा सू-७७
पहला जेवं दूसरा शुडलध्यान से संजन्ध में विशेष प्रथन सू-७८
वितर्ड डे स्व३प नि३पासू-७८
पांयवें आल्यन्तर तथ व्युत्सर्ग डे द्रव्य भाव से लेह सेद्विप्राता प्रथन सू-८०
साठवां अध्याय
निर्भरा हे स्व३प नि३पएा सू-१ निर्भरा हो लेहों प्राथन सू-२
धर्मक्षय लक्षणा निर्भरा हे हेतु प्रथन सू-3
तथ हो प्रकारता डा प्रथन सू-४
अनशन तथ डे हो लेहों प्रा प्रथन सू-4
त्वरित जनेऽविधत्वा नि३पाएा सू-ई अनशन तप वावथि डे हो प्रकार प्राथन सू-७ पाहयोपगमन तथ डे द्वि प्रकारता डा नि३पासू-ट लत् प्रत्याज्यान के हो प्रकारता डा नि३पएा सू-ट अवम हरिडा ऐ स्व३प नि३पएा सू-१० द्रव्यावमोहरिडा के हो लेहों प्रा प्रथन सू-११ उपरा द्रव्यावभोहरिडा से त्रिविध प्रकारता नि३पासू-१२
लत्थान द्रव्यावभोहरिडा से जने विधता प्रा
नि३पएा सू-१३
लावावभोहरिजातथा नि३पासू - १४
लिक्षायर्या तथ डे जनेऽविधता प्रा नि३पए सू-१५ रसपरित्यागतथा नि३पासू-१६
डायलेशतप जनेऽ विधत्वा नि३पएा सू-१७ प्रतिसंसीनतातप डे यातुर्विध्य डा नि३पएा सू-१८
શ્રી તત્વાર્થ સૂત્ર : ૨
पाना नं.
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