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________________ तीसरा अध्ययन ४५ अत्ताहान ट्ठे स्व३प डा नि३पा ४६ अत्ताहान तीस नामों का नि३पा ४७ पश्र्चम अन्तर्द्वारगत तस्रों (योंरों ) डावन ४८ परधनसुध राभखों के स्व३पा नि३पा ४८ परधनमें सुज्ध राष्ट्र्जो दे संग्राम डावन ५० अत्ताहान (योरी) डे प्रकार का नि३पा सागर स्व३ प्रा निपा पर तस्रार्थ प्रानिपा 43 अहत्ताहान ट्ठे इस प्रा नि३पा ४ योर लोड या इस पाते है उनका नि३पा ५ अत्तग्राही थोर कैसे होडर कैसे इस पाते है उनका नि३पा ५६ अहत्तग्राही थोर स इस प्रो पाते है उसका नि३पा ५७ अहत्तग्राही थोर डी परसोड में डौन गति होती है उनका निपा व ज्ञानावरए आहि अष्टविध प्रर्भों से अंधशा प्राप्तडर संसारसागर में रहते है इस प्रकार का संसारगागर स्व३प प्रा निपा डिस प्रकार के अहत्ताग्राही थोरों प्रो डिस प्रकार डाइल मिलते है ना निपा ६० तीसरे अध्ययना उपसंहार थोथा अध्ययन ६१ अह्म ऐ स्व३प प्रा नि३पा ६२ अल नाभों प्रा और उसके लक्षणों का निप ६३ भोह से मोहित सुद्धिवालों से अल डे सेवन डे प्रकारों निपा ६४ यद्रुवत्र्त्याहिङों डा और उनके लक्षणों का वर्षान ६५ जलहेव और वासुदेव डे स्व३प डा नि३पा શ્રી પ્રશ્ન વ્યાકરણ સૂત્ર ૧૧૪ ११७ ૧૧૯ १२२ ૧૨૪ ૧૨૯ १३० ૧૩૨ ૧૩૬ १३८ १४० १४७ ૧૫૦ ૧૫૨ ૧૫૯ ૧૬૩ ૧૬૪ ૧૬૬ ૧૬૮ १७० १७५
SR No.006438
Book TitleAgam 10 Ang 10 Prashna Vyakaran Sutra Sthanakvasi Gujarati
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1962
Total Pages411
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati, Agam, Canon, & agam_prashnavyakaran
File Size16 MB
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