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________________ ६६ सम्रह्म सेवी ठौन होते है ? उनष्ठा नि३पाया ६७ युगलिष्ठों स्व३५ ठा नि३पारा ६८ युगलिनीयों स्व३५ ठा नि३पारा ६८ यौथे सन्तभर छा नि३पारा ७० योथा अध्ययन ठा उपसंहार ૧૮૨ ૧૮૩ ૧૯૦ ૧૯૬ २०० पांयवा अध्ययन ७१ परिग्रह स्व३५ ठा नि३पारा ૨૦૧ ७२ परिग्रह छे तीस नाभों हा नि३पारा २०४ ७3 पिस प्रहार से छव परिग्रह उरते है उनठा नि३पारा २०७ ७४ भनुष्य परिग्रह ठा नि३पा ૨૧૩ ७५ परिग्रह व छो ठिस इस डी प्राप्ति होती है उनष्ठा नि३पा २१८ ७६ पांयवा अध्ययन ठा उपसंहार ૨૨૧ टूसरा भाग - पहला अध्ययन ૨૨૩ ૨૨૬ ૨૩૧ ૨૩૩ २४६ ७७ पांथसंवर द्वारों डे नाभ और उनठे लक्षाशों छा नि३पारा ७८ प्रथमसंवरद्वार छा नि३पारा ७८ अहिंसाठे महात्म्य छा नि३पाया ८० महिंसा धारा उरने वाले महापुष स्व३५ ठा नि३पारा ८१ अहिंसा छो पालन उरने छो उद्धत होने वालों पुर्तव्य ठा नि३पारा ८२ अहिंसाव्रत छी छसिभिति नाम ही प्रथम भावना छा नि३पारा ८3 भनोगुप्ति नाभ ठी ठूसरी भावना ठा नि३पारा ८४ वयनसभिति नाभठी तीसरी भावनाठे स्व३५ ठा नि३पा ८५ मेषशासभिति नाभछी यौथी भावना डे स्व३पठा नि३पारा ८६ निक्षेप नाभठी पांयवी भावना ठा नि३पारा ८७ प्रथम अध्ययन डा उपसंहार ૨પર ૨પપ ૨પ૭ ૨૫૮ ૨૬૨ ૨૬૪ શ્રી પ્રશ્ન વ્યાકરણ સૂત્ર
SR No.006438
Book TitleAgam 10 Ang 10 Prashna Vyakaran Sutra Sthanakvasi Gujarati
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1962
Total Pages411
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati, Agam, Canon, & agam_prashnavyakaran
File Size16 MB
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