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________________ जम्बूद्वीपप्रज्ञप्तिसूत्रे अष्टाशीते रित्यर्थः एता अनन्तरपूर्वकथिता विजयाद्या अग्रमहिष्यो वक्तव्याः ‘इमाहिं गाहाहि' इमाभिः-वक्ष्यमाणाभिर्गाथाभिः, तत्र वक्षमाणामष्टाशीति संख्यकानां नाम दर्शयितुमाह'इंगालए' इत्यादि, 'इंगालए' अङ्गारक:-एतनामकः प्रथमो ग्रहः १, 'वियालए' विकालको द्वितीयः२, 'लोहियंके' लोहिताङ्क स्तृतीया ३, 'सणिच्छेरे चेव' शनैश्चरश्चैव शनैश्चर श्चतुर्य:४ 'आहुणिए' आधुनिकः पञ्चमः ५ 'पाहुणिए' प्राधुनिकः षष्ठः६, 'कणगसमान नामाय पंचेव' कनकसमाननामानः पश्चैव, कनकेन सह एकदेशेन सह समान-सदृशंनाम येषां ते कनकसमाननामान: ते च पञ्च तद्यथा-कणः ७, कणकः ८, कणकणकः ९, कण वितानकः १०, कणसंतानकः ११, 'सोमें' इत्यादि, 'सोमे सोमः १२, 'सहिए' सहितः १३, 'आसणेय' आश्वासनः १४, 'कजोवए' कार्योपगः १५' 'कव्वुरए' कबुरकः १६, 'अयकरए' अजकरकः १७, दुंदुभए' दुन्दुभकः १८, 'संखसमाननामेवि तिण्णेव' शङ्खसमान नामानो नाम्निमहिसीओ वत्तव्चाओ' १७६ ग्रहों को-जंबूद्वीपवर्ती चन्द्रद्वय के परिवार भूत १७६ ग्रहों की विजयादिक ४ अग्रमहिषियां जो कही गई हैं सो वे १७६ ग्रह, इस प्रकार से हैं-'इंगालए' अङ्गारक यह प्रथमग्रह का नाम है 'वियालए' विकालक यह द्वितीय ग्रह है 'लोहियंके' लोहिताङ्क यह तृतीय ग्रह है 'सणिच्छरे चेव' शनै श्वर यह चतुर्थग्रह है 'आहुणिए' आधुनिक यह पांचवां ग्रह है 'पाहुणिए' प्राधुनिक यह छठा ग्रह है 'कणगसमाननामाय पंचेव' सुवर्ण समान नाम वाले-कण ७-कणक८, कणकणक९ कणवितानक १० और कणसंतानक ये पांच ग्रह हैं इस तरह ऊपर के ६ ग्रह और ये ५ ग्रह मिलकर ११ ग्रहों के नाम प्रगट किये गये हैं 'सोमे १२, सहिए १३, आसणे य १४, कजोवए १५ कब्बुरए १६' सोम यह १२ वांग्रह है, सहित यह १३ वां ग्रह है आश्वासन यह १४ वां ग्रह है कार्योपग यह १५ वां ग्रह है कर्बुरक यह १६ बांग्रह है 'अयकरए' अजकरक यह १७ वां ग्रह है, 'दुदुभए' दुन्दुभक यह १८ वां ग्रह है, 'संख समान नामे वि तिण्णेव' शङ्क यह ચન્દ્રયના પરિવાર ભૂત ૧૭૬-ગ્રહોની વિજ્યાદિક ૪ અગ્રમહિષિઓ જે કહેવામાં આવી छ त १७६ अंडा भु४५ छ–'इंगालए' मा२४ मे प्रथम अनु' नाम छे. 'वियालए' Cast मे द्वितीय छे. 'लोहियके' asis ये तृतीय छ. 'सणिच्छरे चेव' शनैश्वर (शनिय२) थे यतुर्थ श्रड छ. 'आहुणिए' आधुनि से पांयमी अड छ. 'पाहुणिए' प्राधुनि छ। छे. 'कणगसमाननामाय पंचेव' सुपाणु समान नाभवाणा-४ ७-४४ -૮-કણકણક ૯, કવિતાનક ૧૦ અને કણસંતાનક એ પાંચ ગ્રહ છે આ રીતે ઉપરના ६ अ मन ५ भजीने ११ अहाना नाम ५४८ ४२वामा भाच्या छे. 'सोमे १२, सहिए १३, आसणे य १४, कज्जोवए १५ कब्बुरए १६' सोम मा मारमा अई छ, सहित थे તેરમે ગ્રહ છે, આશ્વાસન એ ચૌદમો ગ્રહ છે, કાર્યો પગ એ પંદરમે ગ્રહ છે, કર્બરક એ सागमा र छ. 'अयकरए' म०४४२४ मे सत्तरी अड छ, दुंदुभए' दुम ये महार। જમ્બુદ્વીપપ્રજ્ઞપ્તિસૂત્રા
SR No.006356
Book TitleAgam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Part 03 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1978
Total Pages567
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_jambudwipapragnapti
File Size35 MB
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