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जम्बूद्वीपप्रज्ञप्तिसूत्रे भगवानाह-'गोयमा !' गौतम ! 'णव' नव 'कूडा' कूटानि 'पण्णत्ता' प्रज्ञप्तानि 'तं जहा' तद्यथा 'सिद्धाययणकूडे' सिद्धायतनकूटम् एतच्च पूर्वस्यां दिशि समुद्र समीपवति इत्यादीनि नवकूटानि सङ्ग्रहीतुं गाथामुपन्यस्यति "सिद्ध १' इत्यादि सिद्धम् , अत्र नामैकदेशग्रहणान मग्रहणमिति सिद्धपदेन सिद्धायतनकूटं ग्राह्यम् , एवमग्रेऽपि, ततः परं 'णीले २' नीलं नीलवत्कूटम्-नीलवतः नीलवन्नामकवक्षस्कारभूधरस्य नीलवन्नामकदेवस्य कूटमित्यर्थः २ 'पुव्वविदेहे ३' पूर्वविदेह-पूर्व विदेहवर्षापधिकूटम् ३ 'सीया ४' शीता- शीतादेवीकूटम् ४ 'य' च-चकारः सपुच्चयार्थकः "कित्ति ५' कीर्तिः केसरिहदाधिष्ठात्री देवी तस्याः कूट निवासभूतम् ५ 'णारी ६' नारी-नारीकान्ता नदीदेवी कूटम् ६ 'य' च-चकारः प्राग्वत् 'अवरविदेहे ७' अपरविदेहम् अपरविदेहवर्षापधिकूटम् ७ 'रम्मगकूडे ८' रम्यककूटं-रम्यक क्षेत्राधिपकूटम् ८, 'उवदंसणे ९' उपदर्शनम् एतनामकं कूटं चैव चशब्दः प्राग्वत् एव निर्धारणे ९॥१॥ 'सव्वे एए कूडा' सर्वाणि निःशेषाणि एतानि नीलगिरिवर्तीनि नवापि कूटानि हिमवत्कूटानीव 'पंवसइया' पञ्चशतिकानि-पञ्चशतयोजनप्रमाणानि वाच्यानि एतद्वक्तव्य'गोयमा ! णव कूडा पण्णत्ता' हे गौतम ! नीलवान वर्षधर पर्वत के ऊपर नौ कर कहे गये हैं। 'तं जहा' उनके नाम इस प्रकार से हैं-'सिद्धाययणकूडे'१ मिद्धायतन. कट यह कूट पूर्व दिशा में समुद्र के पास मे है, अवशिष्ट कटों की यह संग्रह गाथा है-'सिद्धेणिले, पुव्वविदेहे, सीआ य कित्ति णारी अ. अवरविदेहे रम्मगकूडे, उवदंसणेचेव' नौलवत्कूट २ यह कूट नीलवान् नामक वक्षस्कार पर्वत का जो नीलवान देव है उसका है। पूर्वविदेह ३-यह कूट पूर्वविदेह क्षेत्र के अधिपति का है। सीताकूट ४-यह कूट सीतादेवी का है। कीर्तिकूट ५ यह कूट केशरि हृद की अधिष्ठात्री देवी का है, नारीकूट ६ यह कूट नारी कान्तानदी देवी का है। अपरविदेह कूट ७ यह कूट अपरविदेह क्षेत्र के अधिपति का है । रम्यककूट८ यह कूट रम्यक क्षेत्र के अधिपति का है। और उपदर्शन कूट ९-'सव्वे एए कूडा पंच सइआ रायहाणीउ उत्तरेणं' ये सब कूट हिमवत्कूटों की तरह पांचसो योजन के हैं अतः कूडा पण्णत्ता' हे गौतम ! नीयवान् ! १५२ पत ५२ नव कूट मावा छे. 'तं जहा' ते टोन। नाभी मा प्रमाणे छ-'सिद्धाययणकूडे' १ सिद्धायतन ट. ॥ छूट पूर्व दिशामा समुद्री पासे छे. शेष छूटानी 20 स ाया -'सिद्धेणिले, पुव्वविदेहे, सीआय कित्ति णारी अ० अवरविदेहे रम्मगकूडे उवदंसणे चेव' नासपाट २, २मा नासवान नाम: વક્ષસરકાર પર્વતને જે નીલવાન દેવ છે, તેનો આ ફૂટ છે. પૂર્વ વિદેહ ૩-આ કૂટ પૂર્વ વિદેહ ક્ષેત્રના અધિપતિનો છે. સીતા કૂટ-૪, આ ફૂટ સીતાદેવીને છે. કીર્તાિકૂટ–પ, આ કુટ કેશર હદની અધિષ્ઠાત્રી દેવી છે. નારી કૂટ--આ ફૂટ નારીકાન્તા નદી દેવીને છે. અપરવિદેહ કૂટ– આ કૂટ અપર વિદેહ ક્ષેત્રના અધિપતિનો છે. રમ્યકકૂટ, ૮–આ
२भ्य क्षेत्रना मधिपतिनो छ मने अपशन -८. 'सव्वे एए कूडा पंचसइआ
જમ્બુદ્વીપપ્રજ્ઞપ્તિસૂત્રા