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________________ ३३३ प्रकाशिकाटीका द्वि० वक्षस्कार सू. ३८ कुलकरताप्रकारकथनम् परिभासणाउ पढमा मंडलबंधत्ति होइ बीया य चारग छबि छेयाई भरहस्स चउविदा नीई ॥१॥ छाया-परिभाषणा तु प्रथमा मण्डलबन्ध इति भवति द्वितीया च । चारके छबिच्छेदादि, भरतस्य चतुर्विधा नीतिः ॥१॥इति॥ ॥सू०३८॥ इत्थं पञ्चदशस्य कुलकरस्य ऋषभस्वामिनः चतुर्दश कुलकरसाधारणं कुलकरत्वमुपदश्य सम्प्रत्यस्य असाधारणपुण्यप्रकृत्युदयसमुदभूत् त्रिजगज्जनपूजनीयतां प्रदर्शयितुं यथाऽस्मादेव लोके विशिष्ट धर्माधर्म संज्ञाव्यवहारा प्रवृत्ता अभूवन्निति दर्शयति मूलम्-णाभिस्स णं कुलगरस्स मरुदेवाए भारियाए कुच्छिसि एस्थ णं उसमे णामं अरहा कोसलिए पढमराया पढमजिणे पढमकेवली पढमतित्थयरे पढमधम्मवरचाउरंतचकवट्टी समुप्पज्जित्था । तएणं उसमे अरहो कोसलिए वींसं पुव्वसयसहस्साई कुमावासमज्झे वसइ, वसित्ता तेवढिं पुब्बसयसहस्साइं महारोयवासमझे वसइ तेवहिं पुव्वसयसहस्साई महारायवासमझे वसमाणे लेहाइयाओ गणियप्पहाणाओ सउणस्यपज्जवसाणाओ बावेत्तरि कलाओ चोसहि महिलागुणे सिप्पसयंच क म्माणं तिण्णि वि पयाहियाए उवदिसइ, उवदिसित्ता पुत्तसयं रज्जसए अभिसिंचइ अभिसिंचित्ता तेसीई पुव्वसयसहस्साई महारायवासमज्झे वसइ वसित्ता जे से गिम्हाणं पढमे मासे पढमे पक्खे चित्तबहुले तस्स णं चित्तबहुलस्स णवमीपक्खेणं दिवसस्स पच्छिमे भागे चइता हिरण्णं चइत्ता सुवण्णं चइत्ता पुरं चइत्ता कोसं कोट्टागारं चइत्ता बलं चइत्ता वाहणं चइत्ता पुरं चइत्ता अंते उरं चइत्ता विउलधणकणगरयण मणिमोत्तिय संख सिलप्पवालरत्तस्यणसत्तसारसावइज्जं विच्छड्डइत्ता विगोवइत्ता दायं दाइया णं परिभाएत्ता सुदंसणाए सीयाए सदेवमणुयासुराए परिसाए समणुगम्ममाणमग्गे संखियचक्कियणंगलिय मुहमंगलिय पूसमाणब बद्धमा णग आइक्खगलंखमंख घंटियगणेहिं ताहिं इटाहि कंताहि पियाहिं मणु तदुक्तबू-"परिभासणा उ पढमा मंडलबंधत्ति होइ बीया य ।। चारग छवि छेयाई भरहस्स चउब्धिहा नीई ॥१॥३८॥ परिभासणा उ पढमा मंडलबंधत्ति होइ बोयाय । चारग छवि छेयाई भरहस्स चउन्विहा नीई ॥१॥ सूत्र ॥३८॥ જમ્બુદ્વીપપ્રજ્ઞપ્તિસૂત્ર
SR No.006354
Book TitleAgam 18 Upang 07 Jambudveep Pragnapti Sutra Part 01 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1980
Total Pages992
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_jambudwipapragnapti
File Size62 MB
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