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प्रज्ञापनासूत्रे शेषं तच्चैत्र यावद् भूयो भूयः परिणमन्ति, तत्रः खलु ये अमी मनः परिचारका देवा स्तेपाम् इच्छामनः समुत्पद्यते-इच्छामः खलु अप्सरोभिः सार्द्धम् मनः परिचारणां कतुम्, तत खलु तैर्देव रेवं मनसि कृते सति क्षिप्रमेव ता अप्सरसस्तत्र गताश्चैव सत्यः अनुत्तराणि उच्चावचानि मनांसि संप्रधारयन्त्यः संप्रधारयन्त्य स्तिष्ठन्ति, ततः खलु ते देवास्ताभिरप्सरोभिः सार्द्धम् मनः परिचारणां कुर्वन्ति, शेषं निरवशेषं तच्चैव यावद् भूयो भूयः परिणमन्ते, एतेषां खलु अच्छराहिं सद्धिं) तत्पश्चात् वे देव उन अप्सराओं के साथ (सहपरियारणं करेंति) शब्द परिचारणा करते हैं (सेसं तं चेव) शेष वही पूर्वोक्त (जाव भुज्जो भुज्जो परिणमंति) यावत् वार-वार परिणत होते है।
(तत्थ णं जे ते मणपरियारगा देवा) उनमें जो मन से परिचारणा करने वाले देव है (तेसिं इच्छामणे समुप्पजई) उनका इच्छा-मन उत्पन्न होता है, (इच्छामो णं अच्छराहिं सद्धि मणपरियाणं करेत्तए) हम अप्सराओं के साथ मन से परिचारणा करना चाहते हैं (तए गं तेहिं देवेहिं एवं मणसीकए समाणे) तब उन देवों द्वारा इस प्रकार करने पर (खिप्पामेव ताओ अच्छराओ२) शीघ्र अप्सराएँ (तस्थ गयाओ चेव समाणीओ) वहां पर ही रही हुइ (अणुत्तराई उच्चावयाई मणाई) अनुत्तर ऊंचा-नीचे मन (संपहारेमाणीओ) करती हुई (चिट्ठति) रहती हैं (तए णं ते देवा) तत्पश्चातू वे देव (ताहिं अच्छराहिं सद्धि) उन अप्सराओं के साथ (मणपरियारणं करेंति) मनसे परिचारणा करती हैं (सेसं निर वसेसं तं चेव जाच भुज्जो भुज्जो परिणमंति) शेष सब वही यावत् वारंवार परिणत होते है।
(तएणं ते देवा ताहि अच्छाराहि सद्धि) त्या२ ५७ ते ३ ते ५५सरायानी साथै (सहपरियारण करें ति) २०४५दिया। ४२ छ (सेसं तं चेव) 8 तो ते पतi ४स (जाव भुज्जो भुज्जो परिणमंति) यावत्-पार पा२ परिणत थाय छे. - (तत्थ णं जे ते मणपरियारगा देवा) तमनाम रे भनपरियारण। ४२वापास है। छ (तेहि इच्छामणे समुप्पज्जइ) तमनु रामान 4-1 थाय छ (इच्छामो णं अच्छराहिं सद्धि मणपरियारणं करेत्तए) अमे मसरामानी साथै मनपरियारण। ४२१। छामे छोय.
(तएणं तेहिं देवेहिं एवं मणसी कए समाणे) त्यारे ते हेवानु म. प्रा२ भन साथी (खिप्पामेव ताओ अच्छराओ) हाथी ते सराय। (तत्थ गयाओ चेव समाणीओ) त्यां ०४ २४ी (अणुत्तराई उच्चावयाई मणाई) अनुत्तर या-नया भन (संपहारेमाणीओ संपहारेमाणीओ) ४२ती ४२ती (चिटुंति) २ छ (तएणं ते देवा) त्या२ ५छी वो (ताहिं अच्छराहिं सद्धि) ते ५.सरामानी साथ (मणपरियारणं करें ति) भनथी परियार ४२ छ (सेसं निरवसेसं जाव भुज्जो-भुज्जो परिणमंति) 48 mi ते शत पा पार પરિણત થાય છે.
શ્રી પ્રજ્ઞાપના સૂત્ર : ૫