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प्रज्ञापनासूत्रे
प्राणातिपातविरतवक्तव्यता मूलम्-“पाणाइवायविरयस्स णं भंते ! जीवरस किं आरंभिया किरिया कज्जइ जाव मिच्छादसणवत्तिया किरिया कन्जइ ? गोयमा ! पाणाइवायविरयस्स जीवस्स आरंभिया किरिया सिय कजइ, सिय नो कजइ पाणाइवायविरयस्स णं भंते ! जोवस्स पारिग्गहिया किरिया कन्जइ? गे यमा! णो इणढे समठे पाणाइवायविरयस्म णं भंते! जोवस्स मायावत्तिया किरिया कन्जइ ? गोयमा! सिय कजइ, सियनो कन्जइ, घाणाइवायविरयस्स णं भंते ! जीवस्स अपञ्चक्स्वाणवत्तिया किरिया कजइ ? गोयमा! णो इणहे समडे, मिच्छादंसणवत्तियाए पुच्छा, गोयमा! णो इणडे समटे, एवं पाणाइवायविरयस्स मणूमस्स वि, एवं जाव मायामोसविरयस्स जीवस्स मणूमस्स य, मिच्छादंसणसल्लविरयस्स ण भंते! जीवस्स कि आरंभिया किरिया कजइ जाव मिच्छादसणवत्तिया किरिया ? कजइ ? गोयमा ? मिच्छादंसणसल्लविरयस्म जोवस्स आरंभिया किरिया सिय कन्जइ सिय नो कजइ, एवौं जाव अपञ्चक्खाण किरिया, मिच्छादसणवत्तिया न कजइ, मिच्छादंसणसल्लविरयस्स णं भंते ! नेरइयस्स किं आरंभिया किरिया कजइ जाव मिच्छादंसणवत्तिया किरिया कन्जइ ? गोयमा! आरंभिया किरिया कजइ जाव अपञ्चक्खाणकिरिया वि कन्जइ, मिच्छादंसणवत्तिया किरिया नो कज्जइ, एवं जाव थणि यकुमारस्स, मिच्छादंसणसल्लविरयस्म णं भंते! पंचिदियतिरिवखजोणियस्स एवमेवपुच्छा, गोयमा! आरंभिया किरिया कन्जइ जाव मायावत्तिया किरिया कजइ, अपचक्खाणकिरिया सिय कन्जइ सिय नो कन्जइ, मिच्छादसणवत्तिया किरिया नो कज्जइ, मणूसस्स जहा जीवस्स, वाणमंतरजोइसिय वेमाणिए नेरइयस्स, एयासि ण भंते! आरंभिया ण जाव मिच्छादसणवत्तिया ण य कयरे कयरेहितो अप्पा वा बहुया वा तुल्ला वा विसेसाहिया वा ? सव्वत्थोवाओ मिच्छादसण
શ્રી પ્રજ્ઞાપના સૂત્ર : ૫