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जीवाभिगमसूत्रे
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'गोयमा' हे गौतम ! 'अयण्णं जंबुद्दीवे दीवे' अयं खलु यत्र वयं संस्थिता जम्बूद्वीपो द्वीपः, अष्टयोजनोच्छ्रितया रत्नमय्या जम्ब्वा-जम्बू - सुदर्शनया उपलक्षितो द्वीपो जम्बूद्वीपः 'सच्चद्वीव समुद्दाणं' सर्वद्वीपसमुद्राणां धातकीखण्डलवणा दीनाम् 'सव्वमंतरए' सर्वाभ्यन्तरः सर्वेषामादिभूतः 'सव्वखुड्डाए' सर्वक्षुल्लकः सर्वेभ्यो द्वीपसमुद्रेभ्यः क्षुल्लक:- ह्रस्व इति सर्वक्षुल्लकः तथाहि - सर्वे लवणादयः समुद्राः सर्वे धातकीखण्डादयोद्वीपाः अस्माज्जम्बूद्वीपादारभ्य प्रवचनोक्तेन क्रमेण द्विगुणा द्विगुणायामविष्कम्भपरिधि मन्तस्ततोऽयं जम्बूद्वीपः शेषसर्वद्वीपसमुद्रापेक्षा लघुर्भवतीति । तथा - 'वढे ' वृत्तः वृत्ताकारः, यतः 'तेल्ला पूर्वसंठाणसं ठिए ' तैलापूपसंस्थानसंस्थितः, तैलेन पक्काऽपूपस्तैलापूपः तैलेन परिपक्वोऽपूपः प्रायः परिपूर्णवृत्तो भवति न तथा घृतेन पक्व इति तैलविशेषणम् तैलापूपवत् संस्थानमिति तैलापूपसंस्थानम् तेन तैलापूपसंस्थानेन संस्थित इति तैलापूपसंस्थानसंस्थितः । तथा - ' वट्टे' वृत्तो वृत्ताकारः, यतः 'रहचक्कवालसंठाणसंठिए' रथचक्रवालसंस्थानसंस्थितः - रथचक्रसदृश वृत्ताकारः तथा 'वट्टे' वृत्तः यतः - ' पुक्खरकण्णिया संठाणसंठिए' पुष्करकर्णिका संस्थानसंस्थितः कमलइस प्रश्न का उत्तर देते हुए कहते है - 'गोयमा ! अयण्णं जम्बूद्दीवे दीवे' हे गौतम ! यह जम्बूद्वीप नामका जो द्वीप है कि जहां हम लोग रहते है और जो 'सच्वद्दीवसमुद्दाणं सव्वान्भंतरए' समस्त द्वीप और समुद्रों के मध्य में वर्तमान सब से प्रथम है 'सत्व खुड्डाए' तथा सब द्वीप समुद्रों से जो छोटा है 'वट्टे' गोलाकार है इसीलिये 'तेल्लापूवसंठाण संठिए' जिसका संस्थान तैल में पके हुए पुये के जैसा है अथवा यह ऐसा 'वट्टे' गोल है जैसा कि 'रहचक्कवालसंठाणसंठिए' रथ का पहिया गोल होता है । अथवा यह ऐसा 'वत्त' गोल है 'पुक्खर कण्णिया संठाण संठिए' कि जैसा पुष्कर-कमल कर्णिका के समान आकर
उपभाद्वारा तेन। उत्तर भापता महावीरप्रलु उडे छे - 'गोयमा ! अयणं जंबुद्दीवे दीवे' हे गौतम! भूद्वीप नामनो ने આ દ્વીપ છે, કે त्यां खापो रडीयो छीयो गाने के द्वीप 'सव्वद्दीवस मुद्दाणं सव्वब्भंतरए' सघणाद्वीपो भने समुद्रोनी मध्यमां सौथी पहेला रहेस छे. 'सव्व खुड्डाए' तथा अधा द्वीप समुद्रोउरतां हे नानो छे. 'वट्टे' गोणार . तेथी 'तेल्लापूर्व संठाणसंठिए' नेनुं संस्थान तेसमां पावसा युवा अर्थात् भासवाना देवु छे. अथवा तो ते खेवु' 'बट्टे' नाम गोज छे डे- 'रहचक्क - बालसंठाणसंठिए' रथनुं पैडु नेवु गोज होय छे, तेवा गोलाअरवाजा होय छे. अथवा ते खेवु 'वर्त्त हेतां गोण छे - ' पुक्खरकण्णियासंठाण
જીવાભિગમસૂત્ર