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पीयूषवर्षिणी-टीका. स. २० अम्बडपरिव्राजकानां देवलोकस्थितिवर्णनम् ५५७
मूलम् ते णं परिव्वायगा एयारूवेणं विहारेणं विहरमाणा बहूई वासाइं परियाय पाउणंति, पाउणित्ता कालमासे कालं किच्चा उक्कोसेणं बंभलोए कप्पे देवत्ताए उववत्तारोभवति। . टीका-' ते णं परिव्वायगा' इत्यादि । ' ते णं परिव्वायगा' ते खलु परिव्राजकाः 'एयारूवेणं विहारेणं विहरमाणा' एतद्रूपेण-उक्तरूपेण विहारेण विहरन्तः, 'बहूई वासाइं परियाय पाउणंति' बहूनि वर्षाणि पर्यायं पालयन्ति, 'पाउणित्ता कालमासे कालं किच्चा' पालयित्वा कालमासे कालं कृत्वा 'उक्कोसेणं बंभलोए कप्पे देवत्ताए उववत्तारो भवंति' उत्क्रोशेन ब्रह्मलोके कल्पे देवत्वेनोपपत्तारो भवन्ति, 'तहिं
इस निमित्त प्राप्त किये गये जल को पीने अथवा स्नान के काम में लाने का निषेध है ॥ सू. १९॥
'ते णं परिव्वायगा' इत्यादि ।
(ते णं परिव्वायगा) ये परिव्राजक (एयारवेणं विहारेणं विहरमाणा) इस प्रकार के विहार से विचरण करते हुए अर्थात् इस प्रकार की परिस्थिति में रहते हुए (बहूई वासाइं परियायं पाउणंति) अपने जीवन के बहुत वर्षों को इसी पर्याय का पालन करते २ जब व्यतीत करते हैं, तब (कालमासे कालं किच्चा) कालमास के उपस्थित होने पर मर कर वे (उक्कोसेणं)ज्यादा से ज्यादा (बंभलोए कप्पे देवत्ताए उववत्तारो भवंति) ब्रह्मलोक नामक पंचमकल्प में देवता की पर्याय से उत्पन्न हो जाते हैं। (तहिं तेसिं गई तहिं तेसिं ठिई) वही पर उनको गति एवं वहीं पर उनकी स्थिति शास्त्रों में वर्णित की યેલ જલને પીવા અથવા નાન કરવાના કામમાં લેવાનો નિષેધ છે. (સૂ. ૧૯) - " ते णं परिव्वायगा" त्यादि.
(ते णं परिव्वायगा) ये रिवा४४ (एयारूवेणं विहारेणं विहरमाणा) । પ્રકારના વિહારથી વિચરણ કરતાં કરતાં, અર્થાત્ આ પ્રકારની પરિસ્થિતિમાં २ता (बहूई वासाइं परियाय पाउणंति) पोताना न पा रसाने मे पर्यायना पासनमा व्यतीत ४२ छ. त्यारे (कालमासे कालं किच्चा) म१सरे ४ ४शने तसा (उक्कोसेणं) पधारेभा पधारे (बंभलोए कप्पे देवत्ताए उववत्तारो भवंति) प्रक्ष नामना पांयमा ४६५मा हेक्तानी पर्यायथा उत्पन्न २७ नय छ, (तहिं तेसिं गई तहिं तेसिं ठिई) त्या तभनी गति तभ०४ त्यां