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प्रश्नव्याकरणसूत्रे धनहरणलोमावहाराऽऽक्षेपिणः तत्र परधनं हरन्ति ये ते परधनहरणाः, लोमान्यवहरन्ति ये ते लोमावहराः=वधपूर्वकलुण्ठनकारिणः आक्षेपिणः = वशीकरणादिना चौर्यकारिणः ' हडकारगनिम्मदगगृढचोरगोचर अस्सचोरदासीचोरा य ' हठका रक निर्मर्दकगूढचौरगोचौराश्वचौरदासीचौराश्च तत्र हठं बलात्कारं कुर्वन्तीति हठकारकाः, निर्मर्दकाथ = निरतिशयेन मर्दनकारिणः युद्धेन धनापहारिणः, गूढचौरा:= गुप्तचौरा, गौ चौरा अश्वचौरा दासीचौराश्च = मख्याताः =त एव ' एगचोरा ' एक चौराः = एकाकिन एव चोरयन्ति ये ते 'ओकडूगसंपदायगा ओछिपगसत्थघायग विलकोलीकाराय ' अपकर्षक सम्प्रदायकावच्छिक सार्थघातकबिलकोलीकाररहकर चोरी करते हैं, संधिच्छेदक- भित्यादिक में सेंध करके चोरी करते है, (गंठिभेयगा ) ग्रन्थिभेदक गांठ कतरते हैं ( परधण हरणलोमावहार अक्खेवी ) परधनहरणलोमा पहाराक्षेपी होते हैं परके धन को हरण करने वाले, बध करके धनको हरण करने वाले वशीकरण मंत्र से वश करके धन को हरण करने वाले होते हैं ( हडकारगनिम्मद्दगगूढचोरगो चोर अस्सचोरदासीचोरा य ) ( हडकारग ) बलात्कार से धन को हरण करने वाले, ( निम्मद्दग ) निर्मर्दक- युद्ध करके धन को हरण करने वाले, (गूढचोर ) गुप्तरूप में रहकर पर के धन को हरण करने वाले, (गोचोर ) गाय को हरण करने वाले, (अस्सचोर ) अश्व को हरण करने वाले, ( दासीचोर ) दासी को हरण करने वाले, ( एगचोरा य) अकेले रहकर पर के धन को हरण करने वाले, ( ओक ड्डगसंपदायगा ओछिंपगसत्यधायगविलकोलीकारगा य ) ( ओकडूग )
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વેશમાં જઈને ચોરી કરનારા હોય છે, સંધિચ્છેદક–દિવાલ આદિમાં કાણું પાડીને ચોરી કરનારા હાય છે, गंठिभेगा " ग्रन्थिलेह - जिस्सा उतरे छे, " परधणहरणलोभावहार अक्खेवी પરધનહરણ લાભાપહારાક્ષેપી હોય છે-પરધનનું હરણ કરનારા, હત્યાકરીને ધનનું હરણ કરનારા. વશીકરણ મ`ત્રથી વશ કરીને ધનનું અપહરણ કરનારા હોય છે, डकार निम्मद्दग गूढचोरगोचोर असचोरदासीचोरा य हडकारग " मालारथी घनने हुरी बेनारा, ' निम्मदग ” निर्म:-युद्ध उरीने धनने हरी नारा “गृढचोर ” गुप्तरीते रहने परंतु धन हरी नारा, "गोचर" गायनु महरा <4 अस्सचोर "
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२नारा,
ઘેાડાની ચોરી કરનાર, " दासीचोर " हासीनी थोरी એકલેા જઇને પારકાના ધનનું હરણ કરનારા सत्यधागविलकोलीकारगा य
२नार, एगचोराय " ओक गनपदायगा ओलिंपग
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ओकग " साउजीलना धरमांथी
શ્રી પ્રશ્ન વ્યાકરણ સૂત્ર
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