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प्रमेयचन्द्रिका टीका श०१७ ४०२ ०२ जीवानां बालपण्डितत्वादिनिरूपणम् ३९३ योनिकाः पृच्छा हे भदन्त ! पञ्चेन्द्रियतिर्यग्योनिकाः किं बालाः पण्डिताः बालपण्डिता वेति प्रश्नः भगवानाह - 'गोयमा' हे गौवन ! 'पंविदियतिरिक्ख जोणिया बाला' पञ्चेन्द्रिय तिर्यग्योनिकाः वाळाः विरतेरभावात् 'नो पंडिया' नो पंण्डिताः सर्वविरतेरभावात् 'वालपंडिया वि' बाळपण्डता अपि देशतो विरतेः सद्भावात् बालपण्डिता अपि कथ्यन्ते ' मणुस्सा जहा जीवा' मनुष्या यथा जीवाः येन प्रकारेण सामान्यतो जीवाः कथिता बाला अपि पण्डिता अपि बालवण्डिता अपि तथा मनुष्या अपि बाला अपि पण्डिता अपि वालपण्डिता अपीति भावः । ' वाणमंतर जोइसियवेमाणिया जहा नेरइया' वानव्यन्तरज्योतिष्कवैमानिका यथा नैरयिकाः न पण्डिता इमे किन्तु बालाः न वा बालपण्डिताः सर्वविरतेर्देशविश्वाभावादिति ।। ०२ ।।
या बालपण्डित होते हैं ? उत्तर में प्रभु कहते हैं-'गोयमा ! पंचिदियतिरिक्ख जोणिया बाला' हे गौतम! पंचेन्द्रियतिर्यञ्च जीव विरति के के अभाव से बाल भी होते हैं और देश विरति के सद्भाव से 'बालपंडिया वि' बालपण्डित भी होते हैं परन्तु वे सर्वविरति के अभाव से 'नो पंडिया' पण्डित नहीं होते हैं । 'मनुस्सा जहा जीवा' जिस प्रकार से सामान्यतः जीव के संबन्ध में कहा गया हैं कि बाल भी होते हैं पंडित भी और बालपण्डित भी होते हैं उसी प्रकार से मनुष्य बाल भी होते हैं, पण्डित भी होते हैं और बालपण्डित भी होते हैं' 'वाणमंतरजोइसिय वैमाणिया जहा नेरइया' जिस प्रकार से बालपण्डितादि के विषय का कथन नैरथिकों में किया गया है इसी प्रकार से इनके विषय का कथन वानव्यन्तर ज्योतिषिक और वैमानिको में भी कर
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पंडित छे ? तेना उत्तरमा प्रभु छे " गोयमा पंचि दियतिरीक्ख जोणिया बाला" हे गौतम पयेन्द्रिय तिर्यय विरति रहित होवाथी मास होय छे. याने देश विरतिवाजा होवाथी "बालपंडिया वि' मासपंडित होय छे परंतु तेथे सर्व विरति रहित होवाथी "नो पंडिया" पंडित होता नथी. " मणुस्सा जहा जीवा" थे रीते सामान्य लवाना વિષયમાં કથન કર્યુ છે. કે તેઓ ખાલ પણ હાય છે પ`ડિત પશુ હાય છે. અને ખાલ પડિત પણ હાય છે. એજ રીતે મનુષ્યા પણ ખાલ પશુ होय छे, पंडित पशु होय छे. माने मासपंडित यागु होय छे. “वाणमंतरजोइसियवेमाणिया जहा नेरइया” के रीते नारडीयोमा मासपंडित वगेरे વિષયનું કથન કર્યું છે. તેજ રીતે વાનન્યતર જન્મ્યાતિષિક અને વૈમાનિકામાં પશુ તે રીતનું જ કથન સમજવું' અર્થાત્ વાનન્યતર, નૈતિષિક
શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૧૨