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१९ महावीर स्वामीके दश महास्वनों का निरूपण
२०
स्वप्न फल का निरूपण
२१ गन्धके ग्रहण का निरूपण
सातवां उद्देशा
२२ प्रकृष्टबोधपरिणाम (पश्यता) का निरूपण
आठवां उद्देशा -
२४
२३ लोकके स्वरूपका निरूपण परमाणू की क्रियाविशेषका निरूपण २५ पुरुषकी क्रियाविशेषका निरूपण २६ देवकी क्रियाविशेष का निरूपण
नवनां उद्देशा
२७ वैरोचनेन्द्र बलिकी वक्तव्यता
दशवां उद्देशा—
२८ अवधिज्ञान के स्वरूपका निरूपण
ग्यारहवां उद्देशा
२९ द्वीपकुमारों के आहार आदिका निरूपण बारहवां से चौदहवां उद्देशा-
३० उदधिकुमारों के आहार आदिका निरूपण सत्रहवें शतकका पहला उद्देशा --
३१ सत्रहवें शतककी उद्देशार्थसंग्रह करनेवाली गाया ३२ उदायी और भूतानन्द नामके हस्तिराजों का वर्णन ३३ तालके दृष्टान्त द्वारा कायिकयादि क्रियाका निरूपण ३४ शरीर - इन्द्रिय और योग में क्रियाका निरूपण
दूसरा उद्देशा३५ धर्मादिमें स्थित जीव आदिका निरूपण ३६ जीवों के बाळपंडितपना आदिका निरूपण ३७ शरीर एवं जीव के भिन्नत्वका निरूपण
३८ जीव के रूपित्व और अरूपिश्वका निरूपण
શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૧૨
Chromading
२१३-२३३ २३४- २४९
२५० - २५२
२५३-२५९
२६०-२९३
२९४-२९६
२९६-२९८
२९७–३०३
३०४-३१७
३१८-३२१
३२२-३२९
३३०-३३१
३३२-३३४
३३५-३४०
३४१-३६०
३६१-३७५
३७६-३८५
३८६-३९३
३९४-४०८
४०९-४२०