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________________ तीसरा उद्देशा३९ जीवों के एजनापन का निरूपण ४२१-४३५ ४० एजनाविशेष चलना के स्वरूप का निरूपण ४३६-४४६ ४१ संवेग आदि धर्मों का निरूपण ४४७-४५३ चतुर्थ उद्देशा४२ प्राणातिपात आदि क्रिया का निरूपण ४५४-४७० ४३ आत्मकृत आदि दुःखके कारणोंका निरूपण ४७१-४७७ पांचवां उद्देशा४४ ईशानेन्द्र की वक्तव्यता ४७८-४८५ छटा उद्देशा४५ सौधर्मादि कल्पादिको में पृथ्वीकायिक जीवों की उत्पत्तिका निरूपण ४८६-४९९ सातवां उद्देशा४६ रत्नप्रभादि पृथ्वीमें पृथ्वीकायिकों की उत्पत्तिका निरूपण ५००-५०३ __ आठ उद्देशा४७ सौधर्मादि कल्पमें अप्कायिक जीवों के उपपात-उत्पत्ति का निरूपण ५०४-५०७ नववां उद्देशा४८ रत्नप्रभादि पृथ्वीमें अप्कायिक जीवों की उत्पत्तिका निरूपण ५०८-५११ दशवां उद्देशा४९ सौधर्मादिकल्प में वायुकायिक जीवों की उत्पत्तिका निरूपण ५१२-५१६ ग्यारहवां उद्देशा५० रत्नप्रभादि पृथ्वी में वायुकायिक जीवों की उत्पत्तिका निरूपण ५१७-५२० बारहवां उद्देशा-- ५१ एकेन्द्रिय जीवों के आहार आदिका निरूपण ५२१-५२७ तेरहवां उद्देशा-- ५२ नागकुमारों के आहार आदिका निरूपण ५२८-५२९ चौदहवां उद्देशा५३ विद्युत्कुमारों के आहार आदिका निरूपण ५३०-५३१ पन्द्रहवां उद्देशा-- ५४ विद्युतस्कुमारों के आहार आदिका निरूपण ५३२-५३३ શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૧૨
SR No.006326
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 12 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1968
Total Pages710
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size41 MB
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