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भगवतीसूत्रे अणुप्पविसामि, अणुप्पविसित्ता बावीसं पढमं पउद्यपरिहार परिहरामि, तत्थ णं जे से दोच्चे पउट्टपरिहारे से उइंडपुरस्स नयरस्स बहिया चंदोयरणांस चेइयंसि एणेजगस्स सरीरगं विप्पजहामि, विप्पजहेत्ता, मल्लरामस्स सरीरगं अणुप्पविसामि, अणुप्पविसित्ता एकवीसं वासाइं दोच्चं पउहपरिहारं परिहरामि, तत्थ णं जे से तच्चे पउटुपरिहारे से णं चंपाए नयरीए बहिया अंगमंदिरंसि चेइयंसि मल्लरामस्स सरीरगं विप्पजहामि, विप्पजहेत्ता मंडियस्त सरीरगं अणुप्पविसामि, अणुप्पविसित्ता वीसं वासाइं तच्चं पउट्टपरिहारं परिहरामि, तत्थ णं जे से चउत्थे पउट्टपरिहारे से णं वाणारसीए नयरीए बहिया काममहावर्णसि चेइयंसि मंडियस्त सरीरगं विप्पजहामि, विप्पजहित्ता रोहस्स सरीरगं अणुप्पविसामि, अणुप्पविसित्ता एगूणवीसं वासाइं चउत्थं पउट्टपरिहारं परिहरामि, तत्थ णं जे से पंचमे पउट्रपरिहारे से णं आलभियाए नयरीए बहिया पत्तकालगयंसि चेइयंसि रोहस्स सरीरगं विप्पजहामि, विप्पजहित्ता भारदाइस्स सरीरगं अणुप्पविसामि, अणुप्पविसित्ता अट्टारस वासाई पंचमं पउट्टपरिहारं परिहरामि, तत्थ णं जे से छठे पउट्टपरिहारे से णं वेसालीए नयराए बहिया कोंडियायणंसि चेइयंसि भारदाइयस्स सरीरं विप्पजहामि, विप्पजहित्ता अज्जुगस्स गोयमपुत्तस्स सरीरगं अणुप्पविसामि, अणुप्पविसित्ता
શ્રી ભગવતી સૂત્ર: ૧૧