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________________ दूसरा उद्देशा १९ उन्माद के स्वरूप का निरूपण २० देवों के दृष्टिकाकरण का निरूपण २१ देवों के तमस्कायकरण का निरूपण तीसरा उद्देशा २२ तीसरे उद्देशे का संक्षिप्त विषयविवरण २३ देवों के विषय में विशेष कथन २४ नैरयिकादिकों में अविनय विशेष का कथन २५ देवों के अविनय विशेष का कथन २६ नैरयिकों के आत्यन्तिक दुःख का निरूपण चतुर्थ उद्देशा २७ चतुर्थ उद्देशे का संक्षिप्त विषय विवरण २८ पुलपरिणाम विशेष का निरूपण २९ जीव के स्वरूप का निरूपण ३० परमाणुपुद्गल के स्वरूप का निरूपण ३१ परिणाम के भेदों का निरूपण पांचवां उद्देशा ३२ पांचवें उद्देशे का संक्षिप्त विषय विवरण ३३ नैरयिकादिकों के विशेष परिणाम का निरूपण ३४ दशस्थानों का निरूपण ३५ देवविशेष का निरूपण छट्ठा उद्देशा ३६ नैरयिकादि जीवों का निरूपण ३७ नैरयिकादिकों के आहार आदि का निरूपण ३८ वैमानिकों के कामभोगों का निरूपण सातवां उद्देशा ३९ सातवें उद्देशे का संक्षिप्तविषय विवरण ४० तुल्यता विशेष का निरूपण ४१ तुल्यता के प्रकार का निरूपण શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૧૧ १७८ - १८८ १८९-१९४ १९५-१९९ २०० - २०१ २०२ - २०८ २०९-२१४ २१४-२२० २२१-२२६ २२७ २२८-२३४ २३५- २३९ २४०-२४७ २४८-२४९ २५० - २५१ २५२-२७० २७१-२८० २८१-२८३ २८४-२८६ २८७-२९० २९१-३०५ ३०६-३०७ ३०८-३१४ ३१५-३४१
SR No.006325
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 11 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1968
Total Pages906
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size53 MB
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