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श्री भगवतीसूत्र भाग ११ वें की विषयानुक्रमणिका अनुक्रमाङ्क
विषय
तेरहवें शतक का छठा उद्देशा१ छटे उद्देशे का संक्षिप्त विषय विवरण
१- २ २ नारकादिकों का निरूपण ३ चमरचश्चा राजधानी का निरूपण
४-१६ ४ उदायन राजा का चरित्र का निरूपण
१७-५० ५ अभिजित्कुमार के चरित्र का निरूपण
५१-५९ सातवां उद्देशा ६ सातवें उद्देशे का संक्षिप्त विषयविवरण
६०-६१ ७ भाषा के स्वरूप का निरूपण
६२-७२ ८ मन के स्वरूप का निरूपण
७३-७६ ९ काय-शरीर के स्वरूप का निरूपण
७७-८६ १० मरण के स्वरूपका निरूपण
८७-१०८ आठवां उद्देशा११ कर्मप्रकृति का निरूपण
१०९-११० नवा उद्देशा १२ वैक्रिय शक्ति के सामर्थ का निरूपण
१११-१३४ दशवां उद्देशा १३ छानस्थिकसमुद्घात का निरूपण
१३५-१३८ चौदहवें शतक का प्रथम उद्देशा १४ पहले उद्देशे का संक्षिप्त विषयविवरण
१३९-१४० १५ चौदहवें शतक के उद्देशे की संग्रह गाथा
१४१-१४२ १६ अनगार के देवगतिका निरूपण
१४३-१४९ १७ नरकगति का निरूपण
१५०-१५९ १८ नारक जीवों के अनन्तरोत्पन्नकत्व का निरूपण १६०-१७७
શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૧૧