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भगवतीमूत्रे वृष्टिः इति वा, माल्यवृष्टिः इति वा, वर्ण वृष्टिः इति वा, चूर्ण वृष्टिः इति वा, गन्ध दृष्टिः इति वा, वस्त्र दृष्टिः इति वा, भाजन वृष्टिः इति वा, क्षीर वृष्टिः इति वा, सुकालाः इति वा, दुष्कालाः इति वा, अल्पाऽर्धाः इति वा, महार्धाः इति वा, सुभिक्षाः इति वा, दुर्भिक्षाः इति वा, क्रयविक्रयाः इति वा, सन्निधयः इति वा, संनिचया इति वा, निधयः इति वा, निधानानि इति वा, चिरपुराणानि इति वा, प्रहीणस्वामिकानि इति वा, पहीणसेचकानि इति वा, वर्षा, गंधकी वर्षा, वस्त्रोंकी वर्षा, हिरण्यकी वृष्टि, सुवर्णकी वृष्टि, रत्नकी वृष्टि, वनकी वृष्टि, आभरणों को वृष्टि, पत्रोंकी वृष्टि, पुष्पों की दृष्टि, (फलबुट्टीइ वा, बीयवुट्ठीइ वा, मल्लवुट्ठी इ वा, वपणबुट्टीइ वा, चुण्णवुट्टीइवा, गंधवुट्टीइ वा. वत्थवुट्टी इ वा, भायण बुट्टी इ वा, खीरखुट्ठीर इवा) फलोंकी वृष्टि, बीजोंकी वृष्टि, माल्यों को वृष्टि, वर्णोकी वृष्टि, चूर्णकी वृष्टि, गंधकी वृष्टि, वस्त्रोंकी वृष्टि, भाजनोकी वृष्टि, क्षीरकी वृष्टि, (सुकालाइ वा, दुक्काला इवा, अप्पग्याइ वा, महग्याइ वा, सुभिक्खाइना दभिक्खाइ वा कयविक्कयाइ घा, सनिहीइ वा संनिचयाइ वा, निहीइ वा, निहाणाइ वा, चिर पोराणाई वा) सुकाल, दुष्काल, सस्ताई, महगाइ, भिक्षाकी समृद्धि, भिक्षाकी हानि, खरीद, बैंच अर्थात् क्रय और विक्रयका समय, घृत गुड वगैरह का संग्रह करना, अनाजका संग्रह करना, निधि-धनकी संग्रह, निधान-जमीन में गढा हुआ भंडार पुरानी द्रव्यराशि कई वत्थवासाइ वा, हिरण्णवुट्ठीइ वा, सुवण्णवुट्ठीइ वा, रयणवुट्ठीइ वा, वइरवुट्टीइ वा, आभरणवुट्टीइ वा, पत्तबुद्दीइ वा) गधनी वर्षा, पोनी वर्षा, याहीनी वृष्टि, સુવર્ણની વૃષ્ટિ, રત્નની વૃષ્ટિ, વજની (હીરાની) વૃષ્ટિ, આભૂષણની વૃષ્ટિ, પાનનીવૃષ્ટિ, धुप्पानी वृष्टि, (फलवुट्ठीइ वा, बीयबुट्टीइ चा, मल्लवुडीइ चा, वण्णवुट्ठीइ वा, चुण्णवुठीइ वा, गंधवुट्ठीइ वा, वत्थवुट्ठीद वा, भायणबुट्टीइ वा, खीरखुट्टीइ वा) ફળની વૃષ્ટિ, બીજેની વૃષ્ટિ, માળાઓની વૃષ્ટિ, ચંદનની વૃષ્ટિ, સૂણેની વૃષ્ટિ,
धनी वृष्टि, पत्रोनी वृष्टि, पासणनी वृष्टि, क्षीरनी वृष्टि (मुकालाइ वा, दुकालाइ वा, अप्पग्याइ वा, महग्याइ वा, सुभिकरखाइ वा, दुब्भिकखाइ वा, कयविक्कयाइ वा, सन्निहीइ वा, संनिचयाइ वा, निहीइ चा, निहाणाइ वा, चिरपोराणाइ वा) सुण, हु, सांधवारी, भांधवारी, मनानी समृद्धि, અનાજની હાનિ, ખરીદ વેચાણ એટલે કે ખરીદ અને વિક્રયનો સમય, સંગ્રહ [ઘી, ગોળ, અનાજ આદિને સંગ્રહ] નિધિ-ધનને સંગ્રહ, નિધાન-જમીનમાં દાટેલું
શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૩