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प्रमेयचन्द्रिका टीका श० २ ० ५ सू० ११ धर्मोपदेशनानिरूपणम् ८८७ देवादेवलोकेषूत्पद्यन्ते । तत्र खलु मेधिलोनामस्थविरस्तान् एवमवादीत पूर्वसंयमेन आर्यादेवादेवलोके पुत्पद्यन्ते । तत्र खलु आनन्दरक्षितो नामस्थविरस्तान् श्रमणोपासकान् एवमवादीत , कर्मितया आर्यादेवा - देवलोकेयूत्पधन्ते । तत्र खलु काश्यपो नाम स्थविरः तान श्रमणोपासकान् एवमवादीत , संगितया आर्याः
उत्तर-(तत्थ णं कालियपुत्ते नाम थेरे ते समणोवासए एवं व. यासी) उनमें से कालिक पुत्र नाम के स्थविर ने उन श्रमणोपासकों से इस प्रकार कहा-(पुचतवेणं अज्जो देवा देवलोएसु उववज्जति) हे आयौँ ! पूर्वकृत तप के प्रभाव से देव देवलोकों में उतन्न होते हैं। (तत्थ णं मेहिले नाम थेरे ते समाणोवासए एवं वयासी-पुच्चसंजमेणं अज्जो देवा देवलोएसु उधवज्जति) उन स्थविर भगवन्तो में एक मेधिल नाम के स्थविर थे सो उन्हों ने उन श्रमणोपासकों से ऐसा कहा-हे आर्यो ! पूर्वसंयमके बल से देव देवलोकों में उत्पन्न होते हैं। (तत्थणं आणंदरक्खिए नाम थेरे ते समणोवासए एवं वयासी ) इन स्थविरों में एक आनन्द रक्षित नामके जो स्थविर थे उन्हों ने उन श्रमणोपासकों से ऐसा कहा-(कम्मियाए अज्जो देवा देवलोएस्सु उववज्जति) पूर्वकर्म क्षीण न होने से-अर्थात् कर्म अवशिष्ट होने से देव देवलोकों में उत्पन्न होते हैं। (तत्थणं कासवे नाम थेरे ते समणोवासए एवं वद्यासी संगीयाए अज्जो ! देवा देवलोएसु उववज्जति) उन स्थविरों में जो का श्यप नाम के स्थविर थे, उन्होंने श्रमणोपासकों से ऐसा कहा-हे आर्या
उत्त२-"तत्थ ण कालियपुत्ते थेरे ते समणोवासए एवं वयासी" तेसामान eपुत्र नामना स्थविरे मन मा प्रमाणे ४धुं-" पुव्वतवेणं अज्जो देवा देव लोएसु उववज्जति " आयी! पूर्वत तयना प्रमाथी हेवो वक्षमा उत्पन्न थाय छे. " तत्थण मेहिले नाम थेरे ते समणोवासए एवं वयासीपुव्वसंजमेण अज्जो देवा देवलोएसु उबवजति " ते २थविशमां से भवित નામના સ્થવિર હતા, તેમણે કહ્યું, હે આર્યો પૂર્વસંયમના પ્રભાવથી દેવે દેવ सोभा अत्पन्न थाय छे. “ तत्थण आनन्दरक्खिए नाम थेरे ते समणोवासए एवं वयासी" तेमामांना मानक्षित नामना स्थविरे ते श्रमवासन माप्रमाणे सयुं-“कम्मियाए अज्जो देवा देवलोएसु उववज्जति" भनी पूरे પૂરે ક્ષય ન થવાથી એટલે કે કર્મ અવશિષ્ટ રહેવાથી દેવ દેવલેકમાં ઉત્પન્ન थाय छे. “ तत्थण कासवे नाम थेरे ते समणोवासए एवं वयासी-संगियाए अज्जो ! देवा देवलोएसु उववजंति " तेमामांना अश्य५ नामाना स्थविर ते
શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૨