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________________ २९५ भगवतीसूत्रे थेरा संजमं न जाणंति, थेरा संजमस्स अहं न जाणंति, थेरा संवरं न जाणंति, थेरा संवरस्त अटुं न जाणंति, थेरा विवेगं न जाणंति, थेरा विवेगस्त अहं न जाणंति, थेरा विउस्सगं न जाणंति, थेरा विउस्सग्गस्स अटुं न जाणंति। तएणं ते थेरा भगवंतो कालासवेतिपुत्तं अणगारं एवं वयासी-जाणामो णं अजो सामाइयं, जाणामो णं अज्जो सामाइयस्स अट्रं जाव जाणामो णं अज्जो विउस्सग्गस्त अटुं । तएणं से कालासवसिपुत्ते अणगारे ते थेरे भगवंते एवं वयासो, जइणं अज्जो तुब्भे जाणह सामाइयं, जाणह सामाइयस्त अटुं, जाव जाणह विउस्सगस्त अटुं किं भे अज्जोसामाइए, किं भे अज्जो सामाइयस्स अट्टे, जाव किं भे विउस्सग्गस्स अट्टे ? तएणं थेरा भगवंतो कालासवेसियपुत्ते अणगारं एवं वयासीआयाणे अजो सामाइए, आयाणे अज्जो सामाइयस्स अट्टे, जाव विउस्सग्गस्स अट्रे। तएणं से कालासबोसयपुत्ते अणगारे थेरे भगवंते एवं वयासोजइ भे अज्जो आया सामाइए, आया सामाइस्स अटे, एवं जाव आया विउस्सग्गस्स अटे, अवहटु कोहमाणमायालोभे किं अटुं अज्जो गरहह । कालासवेसियपुत्त ! संजमट्टयाए । से भंते ! किं गरहा संजमे, अगरहा संजमे ? । कालासवेसियपुत्त गरहा संजमे णो अगरहा संजमे, गरहा वि य णं सव्वंदोसंपविणेइ, सव्वं बालियं परिणाए, एवं खुणे आया संजमे उवाहिए भवइ,एवं खुणे आया संजमे उवट्ठिए भवइ । શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૨
SR No.006316
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 02 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1962
Total Pages1114
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size65 MB
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