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प्रमेयचन्द्रिकाटीका श. १ उ. २ सू०७ मनुष्याणामाहारादिकनिरूपणम्
वीतरागसंयताच, तत्र ये ते वीतरागसंयतास्ते अक्रियाः, तत्र ये ते सरागसंयतास्ते द्विविधाः प्रज्ञप्ताः, तद्यथा - प्रमत्तसंयताञ्चाऽप्रमत्तसंयताच, तत्र ये ते अप्रमत्तसंयतास्तेषामेकामायाप्रत्यया क्रिया क्रियते, तत्र ये ते प्रमत्तसंयतास्तेषां खलु द्वे क्रिये क्रियेते, तद्यथा - आरंभिकी, मायाप्रत्यया, तत्र ये ते संयतासंयतास्तेपासंयतासंयत, असंयत (तस्थणं जे ते संजया दुबिहा पण्णत्ता) इनमें जो संयत मनुष्य हैं वे दो प्रकार के होते हैं ( तं जहा ) वे इस प्रकार से ( सरागसंजयाय ) सरागसंयत ( वीयरागसंजया य) और दूसरे वीतरागसंयत ( तत्थणं जे वीयरागसंजया) इनमें जो वीतरागसंयत हैं (ते अकिरिया) वे बिना क्रिया के हैं ( तस्थणं जे ते सरागसंजया ते विहा पण्णत्ता ) जो सरागसंयत हैं, वे दो प्रकार के कहे गये हैं ( तं जहा ) जैसे ( पमत्तसंजया य अपमत्त संजयाय ) एक प्रमत्तसंयत और दूसरे अप्रमत्तसंयत ( तत्थ णं जे ते अपमत्त संजया तेसिं णं एगा मायावतिया किरिया कज्जइ ) इनमें जो अप्रमत्त संयत मनुष्य हैं उनके एक मायाप्रलया क्रिया होती है । (तत्थ णं जे ते पमत्तसंजया तेसि णं दो किरियाओ कजंति ) जो प्रमत्तसंयत हैं उनके दो क्रियाएँ होती हैं। ( तं जहा ) वे इस प्रकार से हैं (आरंभिया मायावत्तिया ) एक आरंभिकी और दूसरी मायाप्रत्यया । (तत्थ णं जे ते संजया संजया तेसि णं आइल्लाओ तिणि किरियाओ ) जो संयतासंयत मनुष्य हैं उनके आदि
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संयत, संयतासंयत अने असंयत ( तत्थणं जे ते संजया दुविहा पण्णत्ता ) तेमां ने संयत ( सयभी) मनुष्यो छे ते मे हारना छे ( तं जहा ) ते मा प्रमाणे छे. ( सरागसंजया य वीयरायसंजया य ) सराग संयंत ( संयमी ) रमने वीतराग संयंत ( संयभी ) ( तत्थ णं जे वीयराग संजया ) तेमां ने वीतराग संयंत ( संयमी ) छे ( तेणं अकिरिया ) तेथे डिया विनाना होय छे ( तत्थ णं जे ते सरागसंजया ते दुबिहा पण्णत्ता ) ने सराण संयंत ( संयमी ) छे, तेना मे प्रहार ह्या छे ( तं जहा ) ते या प्रमाणे - ( पमत्त संजया य अपमत्त संजया य) प्रभत्त संयंत मने अप्रमत्त संयत ( तत्थणं जे ते अपत्त संजया तेसिणं एगा मायावत्तिया किरिया कज्जइ ) तेभांना ने अप्रमत्त संयति मनुष्यो होय हे तेमने मे भाया प्रत्यया दिया न होय छे, (तत्थणं जे ते पमत्तसंज्रया तेसिणं दो किरियाओ कज्जति ) ने प्रभत्त तेभने मे डियागो होय छे. ( तं जहा ) ते या प्रमाणे मायावत्तिय ) (१) भरलडी डिया भने (२) भायाप्रत्यया डिया संजया संजया तेसि णं आइल्लाओ तिष्णि किरियाआ ) ने
संयंत होय छे
શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૧
छे - ( आरंभिया
( तत्थ णं जे ते संयतासंयत