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भावबोधिनी टीका. बलदेववासुदेवजननीजनकनाम निरूपणम्
रुst सोमो सिवेइ य । महासीहे अग्गिसीहे दसरह नवमे य वसुदेवे ॥ ५१ ॥ जंबुद्दीवे णं दीवे भारहे वासे इमीसे ओसप्पिणीए णव वासुदेवमायरो होत्था, तं जहा - मियावई उमा चेव पुढवी सीय। य अम्मया । लच्छिमई सेसमई केकेइ देवई तह || ५२ ॥ जंबुद्दीवे णं दीवे भारहे वासे इमीसे ओसप्पिणीए णवबलदेवमायरो होत्था, तं जहा -- भद्दा तह सुभद्दा य सुप्पभा य सुदंसणा । विजया वैजयंती य जयंती अपराजिया || ५३ ॥ णवमीया रोहिणी य बलदेवाण मायरो || सू० २०६ ॥
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अब सूत्रकार बलदेव और वासुदेव आदिकों के मातापिताओं के नाम स्पष्ट करते हैं
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शब्दार्थ -- (जंबूद्दीवे णं दीवे) जम्बूद्वीपे खलु द्वीपे इस जम्बूद्वीप नाम द्वीप में (भार हेवासे) भारतवर्षे जो भरत नाम का क्षेत्र है उसमें - ( इमी से ओसप्पिणीए) अस्पामवसर्पिण्यां इस अवसर्पिणी काल में (नव वलदेव नव वासुदेव पियरो होत्था) नवबलदेवनववासुदेव पितरोऽभूवत्-नौवलदेव के और नौ वासुदेव के पिता हुए हैं। (तंजहा) तद्यथा उनके नाम इस प्रकार हैं (पयावई य वंभे य रुद्दो सोमो सिवेह य, महासी अग्गिसीहे दसरह नव वसुदेवे ) प्रजापतिश्च ब्रह्मा च रुद्रः सोमः शिव-इति च, महासिंहो ऽग्निशिखो दशरथो नवमश्च वसुदेव: - प्रजापति १, ब्रह्मा २, रुद्र ३, सोम
હવે સૂત્રકાર બલદેવા અને વાસુદેવા આદિના માતાપિતાનાં નામ કહે છે— शम्हार्थ - (जंबुद्दी वे णं दीवे) जंबूद्वीपे खलु द्वीपे - आरंभूद्वीप नामना द्वीपमा (भार हे वासे) भारतवर्षे - ? भरत नामनु क्षेत्र छे तेमां (इमीसे ओसप्पिणीए ) अस्यामवसर्पिण्याम् आ अवसर्पिणमां (नव बलदेव नव वासुदेव पियरो होस्था) नवबलदेव नववासुदेव पितरोऽभूवन् -नव अजहेवना भने नव वासुदेवना पिता थया छे, (तं जहा ) तद्यथा - तेमनां नाम या प्रभा छे - (पयावई य बंभे य रुद्दो सोमो सिवेइय, महासीहे अग्गिसीहे दसरह नवमे य वसुदेवे) प्रजापतिश्च ब्रह्मा च रुद्रः सोमः शिवइति च, महासिंहोऽग्निशिखो दशरथो नवमश्च वसुदेव:- (1) प्रलयति (२) मा,
શ્રી સમવાયાંગ સૂત્ર